शिक्षामित्रों के मानदेय पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त रुख, चार अफसरों को 11 सितंबर को तलब 🏛️📚
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को बड़ा झटका देते हुए आदेश दिया है कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए गठित कमेटी के निर्णय का पालन किया जाए। यदि आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो विभाग के चार वरिष्ठ अफसरों को 11 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा।
किन अधिकारियों को कोर्ट ने तलब किया?
- कंचन वर्मा – महानिदेशक स्कूली शिक्षा/प्रोजेक्ट डायरेक्टर समग्र शिक्षा
- प्रताप सिंह बघेल – डायरेक्टर बेसिक शिक्षा
- सुरेन्द्र कुमार तिवारी – सचिव बेसिक शिक्षा बोर्ड
- दीपक कुमार – अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा
क्या है मामला?
- हाईकोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को आदेश दिया था कि शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर विचार कर निर्णय लेने के लिए कमेटी गठित की जाए और तीन माह में रिपोर्ट पेश की जाए।
- लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा अब तक आदेश का पालन नहीं किया गया।
- याचिकाकर्ता विवेकानंद (वाराणसी) की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा – यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का भी बड़ा फैसला – समान कार्य के लिए समान वेतन
इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने संविदा सहायक प्रोफेसरों को स्थायी प्रोफेसरों के समान वेतन देने का आदेश दिया।
- कोर्ट ने कहा – “शिक्षकों को सम्मानजनक पारिश्रमिक न देना देश में ज्ञान के महत्व को कम करता है।”
- पीठ ने स्पष्ट किया कि समान कार्य करने वालों को समान वेतन मिलना चाहिए।
शिक्षा जगत के लिए इसका क्या मतलब?
- शिक्षामित्रों के मानदेय मुद्दे पर सरकार पर दबाव बढ़ सकता है।
- संविदा शिक्षकों को समान वेतन का रास्ता अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है।
- यह निर्णय आने वाले समय में अन्य राज्यों और विभागों पर भी असर डाल सकता है।