🎒 5000 से अधिक विद्यालयों में शुरू हुई बालवाटिका — ईसीसीई एजुकेटर की तैनाती तक शिक्षक-सहयोग
उत्तर प्रदेश में कम नामांकन वाले विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) के बाद खाली हुए 5000 से ज्यादा विद्यालयों में अब नई शुरुआत हो चुकी है। 15 अगस्त से इन विद्यालयों में बालवाटिका (pre-primary classes) का संचालन शुरू कर दिया गया है।
👶 बालवाटिका में नई व्यवस्था
- बालवाटिका में बच्चों को पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ-साथ ECCE (Early Childhood Care & Education) एजुकेटर की तैनाती की जा रही है।
- लेकिन जब तक ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक यहां पहले से तैनात रहे एक शिक्षामित्र या शिक्षक को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।
- यह शिक्षक/शिक्षामित्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ मिलकर बच्चों की देखभाल और पठन-पाठन में सहयोग करेंगे।
📌 आदेश को लेकर भ्रम
शिक्षकों में आदेश को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गई थी।
- कुछ का कहना था कि मर्जर वाले विद्यालयों के शिक्षक अब दो विद्यालयों में पढ़ाने को बाध्य होंगे।
- लेकिन विभाग ने इस भ्रम को दूर किया है।
👉 महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने साफ कहा —
“न तो किसी शिक्षक को दो विद्यालयों में पढ़ाना है और न ही मर्जर के बाद शिक्षकों को उनके पूर्व विद्यालयों में वापस भेजा जाएगा। केवल ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति होने तक अस्थायी तौर पर समन्वय का कार्य सौंपा गया है।”
🏫 ईसीसीई एजुकेटर भर्ती प्रक्रिया
- लखनऊ समेत कई जिलों में ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती पूरी हो चुकी है।
- कुछ जिलों में प्रक्रिया जारी है।
- जल्द ही सभी विद्यालयों में स्थायी एजुकेटर की तैनाती कर दी जाएगी।
📢 सरकारी कलम की राय
👉 हालांकि, आदेश की स्पष्टता न होने से शिक्षकों में चिंता बढ़ी थी।
👉 सरकार को चाहिए कि हर आदेश को स्पष्ट दिशा-निर्देशों के साथ जारी करे, ताकि शिक्षक वर्ग में कोई भ्रम न फैले।
🖋️ क्या आपको लगता है कि बालवाटिका की शुरुआत से सरकारी विद्यालयों में बच्चों का नामांकन बढ़ेगा? अपनी राय हमें कमेंट में ज़रूर लिखें। 🙏