🎒 सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए ‘खेल-खेल में सीखने’ का नया माहौल — 5,118 बालवाटिकाओं की शुरुआत
लखनऊ, 15 अगस्त — प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब नन्हे-मुन्नों के लिए पढ़ाई का तरीका और भी रोचक और रंगीन हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने 5,118 आधुनिक बालवाटिकाओं की शुरुआत की है, जो तीन से छह वर्ष के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश से पहले मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से तैयार करेंगी 🌱📚।
🏫 बालवाटिका कैसी होगी?
- बाल मैत्रिक फर्नीचर 🪑
- रंग-बिरंगे कक्ष 🎨
- आउटडोर खेल सामग्री ⚽🏏
- लर्निंग कार्नर और बाला फीचर
- गतिविधि-आधारित वंडर बॉक्स
- अभ्यास पुस्तिकाएं, टीएलएम और स्टेशनरी ✏️
🤝 आंगनबाड़ी से तालमेल
इन बालवाटिकाओं को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (ICDS) के सहयोग से निकटवर्ती आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित कर तैयार किया गया है।
👩🏫 प्रशिक्षित शिक्षक भी होंगे
चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित ECCE एजुकेटर्स की तैनाती की जा रही है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और आनंददायक शिक्षा मिले।
🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस पर खास आयोजन
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन बालवाटिकाओं में विशेष कार्यक्रम होंगे।
- स्थानीय जनप्रतिनिधि
- अभिभावक
- खासतौर से माताएं
को आमंत्रित किया गया है, ताकि बच्चों की शिक्षा में समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
📢 बेसिक शिक्षा मंत्री का बयान
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा —
“बालवाटिकाओं के माध्यम से हम नन्हे-मुन्नों के भविष्य की मजबूत नींव रख रहे हैं।”
✍ सरकारी कलम की राय:
सरकारी स्कूलों में इस तरह के बदलाव बच्चों के शुरुआती वर्षों में सीखने के अनुभव को आकर्षक और प्रभावी बनाएंगे। यदि यह मॉडल सही तरीके से लागू हुआ, तो आने वाले वर्षों में सरकारी शिक्षा की छवि में बड़ा बदलाव आ सकता है 🌟।