🇮🇳🇺🇸 टैरिफ वॉर की मार: उत्तर प्रदेश के निर्यातकों पर सबसे बड़ा संकट
✍️ रिपोर्ट: सरकारी कलम डेस्क
अमेरिका और भारत के बीच चल रहे टैरिफ वॉर (शुल्क युद्ध) ने भारत के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका द्वारा भारत के कई उत्पादों पर 25% से 54% तक अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले का असर सीधे तौर पर यूपी के छोटे-बड़े निर्यातकों पर पड़ रहा है।
📉 यूपी को सबसे बड़ा झटका क्यों?
उत्तर प्रदेश भारत के प्रमुख निर्यातक राज्यों में शामिल है और अमेरिका इसका सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार रहा है। वर्ष अमेरिका को निर्यात (₹ करोड़) 2022-23 ₹35,545 करोड़ 2023-24 ₹32,490 करोड़
➡️ यानी 2023-24 में ही लगभग ₹3,000 करोड़ की गिरावट देखी गई है।
🧾 किन उत्पादों पर टैरिफ की सबसे बड़ी चोट?
🛍️

👉 यूपी के कई ज़िले जैसे भदोही, वाराणसी, नोएडा, कानपुर इन उद्योगों पर निर्भर हैं।
🧭 अमेरिका क्यों बढ़ा रहा है टैरिफ?
- अमेरिका का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना है।
- चीन के बाद भारत को भी आर्थिक रूप से संतुलित करना चाहता है।
- ट्रम्प की दोबारा वापसी की स्थिति में यह नीति और आक्रामक हो सकती है।
⚠️ फिओ की चेतावनी: “30% ऑर्डर पहले ही रुक चुके हैं”
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के मुताबिक:
“अमेरिका में हमारी लगभग 55% शिपमेंट प्रभावित हुई हैं। यूपी के निर्यातकों को अब 30-35% महंगे दामों पर उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं। कई ऑर्डर रुक चुके हैं और पुराने ग्राहक टूट सकते हैं।”
🧩 क्या है उत्तर प्रदेश के लिए रास्ता?
✅ नए बाजारों की तलाश: यूरोप, खाड़ी और अफ्रीकी देशों में मार्केट एक्सप्लोर करना।
✅ वैल्यू एडिशन: कच्चे माल की जगह तैयार उत्पादों का निर्यात बढ़ाना।
✅ राज्य सरकार से सहयोग: विशेष पैकेज, सब्सिडी और लॉजिस्टिक्स सुधार की मांग।
✅ डिजिटल मार्केटिंग और B2B प्लेटफॉर्म्स पर सक्रियता।
🤔 निष्कर्ष: एक चेतावनी, एक अवसर
टैरिफ वॉर जहां उत्तर प्रदेश के लिए संकट है, वहीं यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अवसर भी हो सकता है। ज़रूरत है रणनीतिक बदलाव और राज्य व केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की ताकि यूपी के लाखों निर्यातकों को इस वैश्विक शुल्क युद्ध में बचाया जा सके।
📢 क्या आपका कारोबार भी अमेरिका निर्यात से जुड़ा है? अपनी राय कमेंट में जरूर साझा करें।