अब अपने भवनों से होगी पढ़ाई: गोंडा, बस्ती, प्रतापगढ़ व मिर्जापुर के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में 15 अगस्त से नए सत्र की शुरुआत
📍 लखनऊ, अगस्त 2025 — उत्तर प्रदेश के युवाओं को उनके अपने ज़िलों में ही गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुरू किए गए चार नए राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज – गोंडा, बस्ती, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर – अब अपने स्थायी भवनों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। शासन के निर्देश पर यह शिफ्टिंग 1 अगस्त 2025 से पूरी कर ली गई है, और अब यहां 15 अगस्त से नए सत्र की कक्षाएं शुरू होंगी।
🎓 दो साल से अन्य कॉलेजों में चल रहीं थीं कक्षाएं
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (AKTU) से संबद्ध इन कॉलेजों की स्थापना 2023 में हुई थी। भवन निर्माण पूरा न होने के कारण अब तक इनकी कक्षाएं IET लखनऊ, KNIT सुल्तानपुर, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सोनभद्र और अंबेडकर नगर में संचालित की जा रही थीं। प्रत्येक वर्ष 300-300 छात्रों का प्रवेश लेकर बीटेक की पढ़ाई करवाई जा रही थी।
🏗️ अब अपने भवनों में शिफ्ट, सुविधाएं अंतिम चरण में
इन संस्थानों के भवनों का निर्माण अब अंतिम चरण में है। कक्षाएं, प्रयोगशालाएं और प्रशासनिक ब्लॉक तैयार हो चुके हैं। निदेशक कार्यालय स्थापित हो गया है और गेस्ट फैकल्टी भी कैंपस में आ चुकी है। हालांकि, कुछ वर्कशॉप उपकरण और फर्नीचर अब भी पहुंचने बाकी हैं।
🏠 हॉस्टल की स्थिति: मिर्जापुर में गर्ल्स हॉस्टल तैयार
इन चारों कॉलेजों में अब तक कुल मिलाकर तीन बैच के लगभग 400–500 छात्र एक साथ कैंपस में उपस्थित रहेंगे। हालांकि, छात्रावास की सुविधा सभी कॉलेजों में फिलहाल पूरी नहीं हो पाई है:
- मिर्जापुर में 200 सीटों वाला गर्ल्स हॉस्टल तैयार है और छात्रों को आवंटित किया जा रहा है। बॉयज हॉस्टल का काम प्रगति पर है।
- बस्ती और प्रतापगढ़ में हॉस्टल निर्माण और संसाधन जुटाने की प्रक्रिया जारी है। पहले चरण में सीमित छात्रों को ही हॉस्टल सुविधा मिल पाएगी।
👷 अन्य स्टाफ और व्यवस्थाएं
इन कॉलेजों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सुरक्षा कर्मी, व अन्य आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसे अगले एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा।
🎤 कुलपति का बयान
“इन कॉलेजों को अपने भवनों में शिफ्ट कर दिया गया है। 15 अगस्त से कक्षाएं शुरू हों, इसके लिए सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। संस्थानों के निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों को पठन-पाठन की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराई जाए।“
— प्रो. जे.पी. पांडेय, कुलपति, एकेटीयू
निष्कर्ष:
प्रदेश के चार ज़िलों के छात्र अब अपने ही क्षेत्र में रहकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई कर सकेंगे। यह न केवल तकनीकी शिक्षा को विकेंद्रीकृत करने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर भी है।