🚀 गांवों से अंतरिक्ष की उड़ान: ISRO का ‘विलेज साइंटिस्ट प्रोग्राम’
✍️ सरकारी कलम | विज्ञान समाचार
अब वो दिन दूर नहीं जब गांवों की गलियों से निकले बच्चे भी चंद्रयान और रॉकेट की तकनीक पर बात करते नजर आएंगे। खेतों में खेलते, मिट्टी में लथपथ पैर लिए ये बच्चे अब सीधे इसरो (ISRO) की प्रयोगशालाओं से जुड़ेंगे। क्योंकि ISRO का स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (SAC), अहमदाबाद लेकर आया है — ‘विलेज साइंटिस्ट प्रोग्राम’।
🌾 गांव के बच्चों को मिलेगा रॉकेट साइंस से वास्ता
खास बात ये है कि यह प्रोग्राम सिर्फ कागज़ों तक नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतारा जा रहा है। गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह तकनीक और डाटा प्रोसेसिंग की जानकारी दी जाएगी।
✅ वर्तमान में 15 जिलों में शुरू
- इस योजना को 15 जिलों में शुरू किया गया, जहाँ 10,000 से अधिक छात्र पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं।
- अब इस पहल को प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू करने की योजना है।
👨🔬 मुख्यमंत्री योगी से इसरो प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात
इसरो एसएसी के निदेशक एन.एम. देसाई की अगुआई में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की और योजना का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्यमंत्री ने योजना को प्रदेशव्यापी बनाने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
🚌 ‘स्पेस ऑन व्हील्स’ से गांव-गांव पहुंचेगी प्रयोगशाला
इस योजना की सबसे दिलचस्प बात है — ‘स्पेस ऑन व्हील्स’।
एक मोबाइल प्रयोगशाला बस, जो गांव-गांव जाकर बच्चों को विज्ञान से जोड़ने का काम करेगी। इसमें होंगे:
- वेबिनार, सेमिनार
- स्पेस लैब्स और STEM प्रयोगशालाएं
- ISRO वैज्ञानिकों से संवाद
- ISRO सेंटर का शैक्षिक भ्रमण
🛰️ गांव के छात्र बनाएंगे खुद का सैटेलाइट पेलोड
हर जिले से चुने गए 75 स्कूलों के छात्र, मिलकर सैटेलाइट पेलोड तैयार करेंगे, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रक्षेपित (launch) किया जाएगा।
यह न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने के लिए भी प्रेरित करेगा।
🌌 भविष्य के वैज्ञानिकों की नींव रखेगा यह अभियान
इसरो की यह पहल सिर्फ एक शैक्षिक योजना नहीं, बल्कि यह गांवों में विज्ञान की चेतना जगाने की क्रांति है।
बच्चों को चंद्रयान-3, आदित्य एल-1, गगनयान और कार्टोसैट-3 जैसी परियोजनाओं की वास्तविक जानकारी मिलेगी, जिससे उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और भी समृद्ध होगा।
🛰️ ISRO ने दिया सीएम योगी को निमंत्रण
मुख्यमंत्री को इसरो ने अहमदाबाद स्थित सैटेलाइट कैंपस का विशेष दौरा करने का निमंत्रण दिया है, जहां उन्हें भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों की झलक दिखाई जाएगी।
✨ निष्कर्ष: अब गांव नहीं होंगे पीछे
इसरो का यह कदम दर्शाता है कि अब विज्ञान सिर्फ शहरों की बपौती नहीं है। गांवों का बच्चा भी रॉकेट बना सकता है, चांद पर नजर रख सकता है और भारत का भविष्य गढ़ सकता है।
🚀 “गांवों से निकलेगा भारत का अगला अंतरिक्ष वैज्ञानिक!”