⚠️ उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी बन रही स्कूली बच्चों के लिए जानलेवा — 25 दिन में 3 बच्चों की मौत
📅 तारीख: जुलाई 2025
✍️ सरकारी कलम डेस्क
😢 फिर एक छात्र की मौत — इस बार हैदरगढ़ से दिल दहला देने वाली घटना
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले के हैदरगढ़ क्षेत्र से एक और दर्दनाक घटना सामने आई है। ग्राम्यांचल इंटर कॉलेज के दसवीं कक्षा का छात्र विकास (18) शुक्रवार दोपहर जब स्कूल से छुट्टी के बाद साइकिल से घर लौट रहा था, तो तेज़ धूप और लू की चपेट में आकर रास्ते में गश खाकर बेहोश हो गया।
🚑 साथियों ने परिजनों को सूचना दी और परिजन तुरंत विकास को सीएचसी हैदरगढ़ लेकर पहुँचे। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
विकास पूरी तरह स्वस्थ था और स्कूल प्रशासन के मुताबिक वह किसी बीमारी से ग्रसित नहीं था। यह घटना न केवल व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि प्रदेश में बढ़ती गर्मी के बीच बच्चों की सुरक्षा पर भी चिंता जताती है।
📌 25 दिन में तीसरी मौत — क्या जागेगा अब प्रशासन?
हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले 25 दिनों के अंदर ये तीसरी मौत है, जिसमें एक छात्र ने गर्मी की वजह से दम तोड़ा है।
➡️ ये घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि उमस भरी गर्मी अब केवल परेशानी नहीं बल्कि जानलेवा आपदा बन चुकी है।
🌡️ अन्य जिलों में भी हालात चिंताजनक
प्रदेश के कई जिलों से लगातार बच्चों की तबीयत बिगड़ने की खबरें आ रही हैं:
- बाराबंकी: 13 बच्चे बीमार
- सीतापुर: 6 बच्चे बेहोश
- सुल्तानपुर: 4 बच्चे बेहोश
- हरदोई (जवाहर नवोदय विद्यालय): 13 छात्राएं घबराहट और गर्मी से अस्पताल में भर्ती
सभी को अस्पताल में भर्ती कर उपचार दिया गया, फिलहाल हालत में सुधार है।
❗ लेकिन सवाल अब ये है कि अगली बार मौत किसकी होगी?
🏫 क्या स्कूल समय पर बंद नहीं किए जा सकते?
🔥 जब तापमान 45 डिग्री के आसपास हो और उमस से दम घुट रहा हो, तब क्या स्कूलों को खुला रखना तर्कसंगत है?
🔥 क्या मई-जून के बजाय जुलाई में भी छुट्टियों की पुनर्समीक्षा नहीं होनी चाहिए?
🔥 क्या स्कूलों में पर्याप्त पेयजल, छांव और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं हैं?
🧒 बच्चों की जान पर भारी पड़ रहा है सिस्टम
शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे समय रहते:
✅ गर्मी के मौसम में स्कूल समय सीमित करें
✅ हेल्थ अलर्ट जारी करें
✅ स्कूलों को पर्याप्त संसाधनों से लैस करें
✅ और सभी बच्चों के स्वास्थ्य पर सतर्क निगरानी रखें
✍️ निष्कर्ष: अब भी समय है…
हम सिर्फ आंकड़ों पर आँसू बहा सकते हैं, लेकिन असली ज़रूरत है नीतिगत बदलाव की।
विकास अब लौटकर नहीं आएगा, पर क्या हम मिलकर अगली मौत को रोक सकते हैं?
🙏 सरकारी कलम मांग करता है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत संज्ञान ले और प्रदेशभर के स्कूलों के लिए गर्मी से संबंधित सुरक्षा दिशानिर्देश जारी करे।
📣 क्या आपके क्षेत्र में भी ऐसी कोई घटना हुई है? हमें लिखें: www.sarkarikalam.com
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