🔬 UP के इंटर कॉलेजों में प्रयोगशालाओं का संकट — 493 स्कूलों में जीव विज्ञान की लैब नहीं!


🔬 UP के इंटर कॉलेजों में प्रयोगशालाओं का संकट — 493 स्कूलों में जीव विज्ञान की लैब नहीं!

✍️ संवाददाता – सरकारी कलम
📅 20 जुलाई 2025


⚠️ विज्ञान की पढ़ाई पर संकट!

उत्तर प्रदेश के 1172 राजकीय इंटर कॉलेजों में से लगभग आधे स्कूलों में जीवविज्ञान, भौतिकी और रसायन शास्त्र की प्रयोगशालाएं मौजूद ही नहीं हैं। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत 9 अप्रैल को हुई समग्र शिक्षा अभियान 2025-26 की पीएबी बैठक में सामने आई।


🔍 आंकड़ों में देखें भयावह सच:

🔢 विभाग प्रयोगशालाएं नहीं हैं भौतिक विज्ञान 457 स्कूलों में ❌ रसायन विज्ञान 453 स्कूलों में ❌ जीव विज्ञान 493 स्कूलों में ❌

👉 यानी हर दूसरा राजकीय इंटर कॉलेज किसी-न-किसी विज्ञान विषय की प्रयोगशाला से वंचित है!

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🧪 प्रयोगशालाओं के बिना विज्ञान की पढ़ाई अधूरी!

शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि:

“प्रयोगात्मक ज्ञान के बिना विज्ञान केवल किताबी रह जाता है। विद्यार्थियों में रचनात्मकता, शोध प्रवृत्ति और जिज्ञासा तब तक नहीं पनप सकती, जब तक वे प्रयोग नहीं करेंगे।”


🧠 स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की भी हालत खराब

सिर्फ विज्ञान ही नहीं, डिजिटल इंडिया के दौर में भी प्रदेश के स्कूल तकनीकी सुविधाओं से महरूम हैं। 📚 सुविधा स्कूलों में अनुपलब्ध ICT लैब (कंप्यूटर) 2006 स्कूलों में ❌ स्मार्ट क्लासरूम 2087 स्कूलों में ❌

👉 पूरे प्रदेश में कुल 2841 इंटर और माध्यमिक स्कूल हैं। इसका मतलब है कि:

  • 70% स्कूलों में ICT लैब नहीं हैं।
  • 73% स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम नहीं हैं।

📢 केंद्र की सिफारिश और राज्य सरकार की जिम्मेदारी

केंद्र सरकार ने यूपी सरकार से अनुरोध किया है कि:

  • वह इन फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का जमीनी स्तर पर आकलन करे।
  • और इसके लिए पूरक प्रस्ताव भेजे, ताकि आवश्यक फंड और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।

📚 सरकारी कलम की राय:

🧑‍🔬 विज्ञान शिक्षा के साथ मज़ाक मत कीजिए!
प्रयोगशालाओं और तकनीकी सुविधाओं के बिना कोई भी स्कूली शिक्षा आधुनिक भारत की ज़रूरतों के अनुसार नहीं मानी जा सकती।

📲 जब डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की बात होती है, तो स्कूलों को डिजिटल संसाधनों से लैस करना अनिवार्य हो जाता है।

🎓 सरकार को चाहिए कि इन कमियों को गंभीरता से ले और साल 2026 तक हर इंटर कॉलेज में कम से कम एक फुली-फंक्शनल विज्ञान प्रयोगशाला और एक डिजिटल कक्ष ज़रूर उपलब्ध हो।


📢 आपके स्कूल में प्रयोगशाला या स्मार्ट क्लास की क्या स्थिति है? नीचे कॉमेंट में जरूर बताएं।


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