⚖️ डिजिटल तकनीक बदल रही है अपराध का चेहरा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
🗞️ रिपोर्ट: विविध संवाददाता | 📍 प्रयागराज
📲 सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाना गंभीर अपराध: कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अपराधों को एक नया रूप दे रहा है।
सोशल मीडिया पर महिलाओं की अश्लील तस्वीरें प्रसारित करना एक बेहद गंभीर अपराध है।
यह बात कोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कही, जिसने उत्तराखंड की एक महिला की अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली थीं।
🚫 जमानत से इनकार, अदालत की सख्त टिप्पणी
आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354(2), 66A और 67 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।
उसे महिला थाना प्रयागराज में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
कोर्ट ने कहा कि इस तरह की हरकतें समाज की मूलभूत गरिमा पर हमला हैं और इसका सीधा असर महिला की स्वतंत्रता और निजता पर पड़ता है।
📅 2023 में भी की गई थी सख्त टिप्पणी
न्यायमूर्ति अजय भनोट ने इससे पहले भी वर्ष 2023 में कहा था कि सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो या तस्वीरें डालने की प्रवृत्ति
तेजी से बढ़ रही है और इसका समाज पर अत्यंत दुष्प्रभाव पड़ता है।
इस दिशा में कानून को सख्ती से लागू करना समय की मांग है।
📌 दीवानी विवाद में आपराधिक केस पर रोक
कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा कि यदि कोई मामला दीवानी प्रकृतिआपराधिक कार्यवाही आगे बढ़ेगी।
इससे न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी।
🏛️ डीआरटी प्रयागराज की कार्यशैली पर कोर्ट की नाराजगी
एक अन्य खबर में हाईकोर्ट ने ऋण वसूली अधिकरण (DRT) प्रयागराज के कामकाज पर चिंता जताई है।
कोर्ट ने कहा कि दीवानी मामलों में तेजी से निपटारा होना चाहिए, लेकिन प्रयागराज के डीआरटी में कार्य धीमा और असंतुलित है।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव वित्त को निर्देश दिया है कि डीआरटी के रिक्त पदों को भरा जाए और सुनवाई की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।