📰 सरकारी कलम विशेष रिपोर्ट | 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार
📅 शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू | तनाव होगा कम, अवसर होंगे ज़्यादा
📢 बड़ी खबर:
सीबीएसई ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत बड़ा फैसला लिया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। पहली परीक्षा फरवरी 2026 में, और दूसरी वैकल्पिक परीक्षा मई 2026 में कराई जाएगी।
📌 पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी वैकल्पिक
- पहली परीक्षा: फरवरी 2026 (सब छात्रों के लिए अनिवार्य)
- दूसरी परीक्षा: मई 2026 (केवल उन्हीं छात्रों के लिए, जो प्रदर्शन सुधारना चाहें या कंपार्टमेंट में हों)
- रिजल्ट: फरवरी परीक्षा का अप्रैल में, मई परीक्षा का जून में आएगा।
🎯 छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका
- जो छात्र पहली परीक्षा में पास हो जाते हैं, वे विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषा जैसे किसी भी तीन विषयों में दोबारा परीक्षा देकर स्कोर सुधार सकते हैं।
- लेकिन अगर कोई छात्र तीन या अधिक विषयों में पहली परीक्षा नहीं देता, तो वह दूसरी परीक्षा के लिए अयोग्य होगा।
- ऐसी स्थिति में छात्र को रिपीट श्रेणी में रखा जाएगा और वह अगले साल फरवरी में फिर से परीक्षा दे सकेगा।
🧠 उद्देश्य – तनाव में कमी, सीखने में लचीलापन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा –
“दो बार परीक्षा से छात्रों का तनाव घटेगा। यह विद्यार्थी केंद्रित सोच को बढ़ावा देगा।”
सीबीएसई चेयरमैन राहुल सिंह के मुताबिक –
“नीति के सुझावों और सभी हितधारकों की राय के आधार पर यह निर्णय लिया गया है।”
🏅 खेल और विशेष छात्रों को राहत
- खेल कोटे के छात्रों को लचीलापन मिलेगा – यदि कोई परीक्षा उनके खेल आयोजन से टकराती है, तो वे मई में दे सकेंगे।
- विंटर बाउंड स्कूल के छात्रों को एक परीक्षा चुनने की छूट दी जाएगी।
- दिव्यांग छात्रों को दोनों परीक्षाओं में मिलने वाली सुविधाएं समान रहेंगी।
🏫 आंतरिक मूल्यांकन और प्रमाणपत्र
- आंतरिक मूल्यांकन साल में एक बार ही होगा।
- प्रथम परीक्षा के बाद डिजिलॉकर में मार्कशीट मिलेगी जिसे 11वीं में दाखिले के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
- पास प्रमाणपत्र मई परीक्षा के बाद जारी किए जाएंगे (यदि छात्र दूसरी परीक्षा देता है)।
- रिव्यू (पुनर्मूल्यांकन) दोनों परीक्षाओं के बाद मिलेगा।
📊 आंकड़े क्या कहते हैं?
- 26.6 लाख छात्र 2026 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे।
- 64% छात्रों और अभिभावकों ने इस व्यवस्था का समर्थन किया है।
📌 निष्कर्ष:
यह व्यवस्था छात्रों को एक अतिरिक्त अवसर देती है जिससे वे बेहतर स्कोर कर सकते हैं। साथ ही बोर्ड परीक्षा का डर और दबाव भी कम होगा। यह बदलाव NEP 2020 के “शिक्षा को तनावमुक्त बनाने” के विजन को आगे बढ़ाता है।
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