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यदि आपके गांव के अभिभावक युग्मन के विरोध में हैं, तो आपकी आवाज़ में दम है। पेयरिंग कोई बाध्य निर्णय नहीं, बल्कि स्थानीय सहमति पर आधारित विकल्प है।”
✔️ “शिक्षक, प्रधान और अभिभावक मिलकर तय करें – क्या बच्चों की सुविधा पहले है, या सिस्टम की सहूलियत?”
📢 यह अपडेट उन सभी प्रधानों, शिक्षकों और ग्रामवासियों के लिए अहम है, जो बिना पूछे मर्ज किए जा रहे स्कूलों को लेकर चिंतित हैं।
लखनऊ-
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान –
शिक्षा विभाग बर्बाद किया जा रहा है,नेताजी खुद शिक्षक थे उन्होंने हमेशा समझाने की कोशिश की,एक शिक्षक के बेटा होने के नाते मेरा शिक्षकों से पारिवारिक संबंध है उनका जो दर्द है वह मेरा दर्द है- अखिलेश
शिक्षकों की बात होती है तो भाजपा सरकार बहरी हो जाती है,स्कूल जितने कम होंगे इतनी ग्रोथ रेट कम होगी और नौकरियां नहीं देनी पड़ेगी,
जिसमें संवेदना नहीं है ऐसी सरकार नहीं चाहिए- अखिलेश
कोई शिक्षक देर से नहीं पहुंचना चाहता,आपका इन्फ्रास्ट्रक्चर क्या है,
कोई शिक्षक देर से स्कूल पहुंचना नहीं चाहता,लेकिन ट्रांसपोर्ट की सुविधा और आवास की समस्या के चलते शिक्षक लेट होते है,जल्दबाजी में कई शिक्षकों के एक्सीडेंट हो जाते हैं,शिक्षा विभाग में शिक्षकों का शोषण हो रहा है- अखिलेश यादव
सरकार में ट्रांसफर पोस्टिंग का झगड़ा शुरू हो गया है,विद्युत आपूर्ति और मोबाइल कनेक्शन के आभाव में डिजिटल अटेंडेंस प्रभावित होती है- अखिलेश
पहले डिजिटल अटेंडेंस उच्च स्तर के अधिकारियों के दफ़्तरों में लागू होनी चाहिए,आप दबाव में पढ़वाना चाहते है,शिक्षकों के विरोध के चलते ऑन लाइन अटेंडेंस का फैसला वापस लेना पड़ा,हम शिक्षकों के साथ हैं ,सपा सरकार आई तो समस्याओं का समाधान करेंगे – अखिलेश यादव !!
✍️ रिपोर्ट: Sarkari Kalam | www.sarkarikalam.com
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