दो साल में एक भी भर्ती नहीं, शिक्षा सेवा चयन आयोग पर अभ्यर्थियों का फूटा ग़ुस्सा

दो साल में एक भी भर्ती नहीं, शिक्षा सेवा चयन आयोग पर अभ्यर्थियों का फूटा ग़ुस्सा

प्रयागराज |

उत्तर प्रदेश में शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किए दो वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक एक भी नई भर्ती का विज्ञापन तक जारी नहीं किया गया है। इससे नाराज़ अभ्यर्थियों ने आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शनकाले कपड़े में लिपटा हुआ मटका टांग दिया, जिससे धुआं भी निकल रहा था। उनका कहना था कि आयोग पर नजर लग गई है, जिसे अब “उतारने” की ज़रूरत है।

धरना प्रदर्शन का 12वां दिन: अभ्यर्थी बोले, अब सब्र नहीं

शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर लगातार 12वें दिन धरना प्रदर्शन जारी रहा। डीएलएड प्रशिक्षित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह के नेतृत्व में यह प्रदर्शन हो रहा है।

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रजत सिंह ने कहा, “आयोग केवल आश्वासन देता है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाता।” उन्होंने बताया कि 28 मई को आयोग के उपसचिव ने अभ्यर्थियों से 10 दिन का समय मांगा था, लेकिन तय समय बीत जाने के बावजूद न तो कोई घोषणा हुई और न ही कोई संवाद।

अब आयोग के प्रतिनिधि भी संवाद से बच रहे हैं। इससे छात्रों में आक्रोश और भी बढ़ गया है।

प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग तेज

अभ्यर्थियों की सबसे बड़ी मांग है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए तत्काल विज्ञापन जारी किया जाए। दो सालों से चयन प्रक्रिया रुकी हुई है, जिससे हजारों प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका है।

छात्रों का कहना है कि राज्य में शिक्षकों की भारी कमी है, फिर भी भर्ती प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है।

नजर उतारने के प्रतीक के पीछे छिपा गहरा संदेश

जो मटका काले कपड़े में लपेट कर आयोग के गेट पर टांगा गया था, वह सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध नहीं था बल्कि निराशा, तटस्थता और बेरुखी के खिलाफ एक सांकेतिक संदेश भी था।

अभ्यर्थियों का मानना है कि जब तक सरकार और आयोग ठोस कार्रवाई नहीं करते, उनका आंदोलन और तेज होता जाएगा।

अब देखना यह है कि क्या उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग इस दबाव के बीच कोई सार्थक निर्णय लेता है, या फिर छात्रों को और लंबे संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।

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