फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई तेज, 10 पर 7.56 करोड़ की रिकवरी नोटिस


फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई तेज, 10 पर 7.56 करोड़ की रिकवरी नोटिस
बेसिक शिक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई, शिक्षकों में हड़कंप ⚠️

जिले में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने हाल ही में 10 बर्खास्त शिक्षकों को कुल 7.56 करोड़ रुपये की रिकवरी नोटिस भेजी है। यह राशि शिक्षकों द्वारा नौकरी के दौरान लिए गए वेतन और अन्य भत्तों की वापसी के रूप में मांगी गई है। 💸

सवा करोड़ तक की रिकवरी, शिक्षकों में मची हलचल 😟
जिन शिक्षकों को नोटिस भेजी गई है, उन पर 11 लाख से लेकर 1.25 करोड़ रुपये तक की रिकवरी तय की गई है। अचानक मिली इस भारी-भरकम वसूली नोटिस से बर्खास्त शिक्षकों में खलबली मच गई है। 🧾

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पिछले दो वर्षों में 22 शिक्षकों की बर्खास्तगी
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीते दो वर्षों में कुल 22 शिक्षकों को फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने के आरोप में बर्खास्त किया जा चुका है। यह कार्रवाई जिला स्तर पर गठित जांच समितियों और प्रेरणा पोर्टल के डाटा मिलान के आधार पर की गई है। 📊

डिजिटल निगरानी से खुली पोल 🔍
जिले में इस समय 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 4,000 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। एक दशक पहले नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन नहीं थी, जिससे कई मामलों में प्रमाणपत्रों की जांच ठीक से नहीं हो पाई थी। लेकिन अब प्रेरणा पोर्टल जैसी डिजिटल व्यवस्था के जरिए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सत्यता जांचना आसान हो गया है। 💻✅

संदिग्ध डिग्रियों की जांच जारी 📑
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और अन्य कुछ संस्थानों से प्राप्त डिग्रियों की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। कई डिग्रियों में क्रमांक, अंकपत्र और विश्वविद्यालय रिकॉर्ड में मेल नहीं पाया गया है। 🧾❓

क्या आगे होगा? 🚨
बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों पर प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ न केवल बर्खास्तगी, बल्कि एफआईआर दर्ज कर आपराधिक कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही वेतन की पूरी रिकवरी सुनिश्चित की जाएगी। ⚖️


निष्कर्ष:
शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में पारदर्शिता और योग्यता बनाए रखने के लिए इस तरह की सख्त कार्रवाई जरूरी है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे प्रेरणा पोर्टल से जहां पारदर्शिता बढ़ी है, वहीं फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे नौकरी करने वालों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। 📚✨


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