सहायक लेखाकार को घूस लेते विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा

सहायक लेखाकार को घूस लेते विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़ा

विजिलेंस की सटीक कार्रवाई, पीड़ित की शिकायत पर हुआ खुलासा

कलंक कथा: सरकारी भ्रष्टाचार पर एक और दाग

लखनऊ। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सहायक कोषाधिकारी लेखाकार को घूस लेते हुए ट्रेजरी से रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एक पीड़ित द्वारा की गई शिकायत के बाद की गई, जिसमें सरकारी प्रक्रिया में रिश्वतखोरी की शिकायत की गई थी।

क्या था मामला?

शिकायतकर्ता के अनुसार, उनके पिता स्व. हरिश्चंद्र श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी) की मृत्यु 10 मई 2023 को हुई थी। उनका पारिवारिक पेंशन प्राप्त करना परिवार के लिए अत्यंत आवश्यक था, क्योंकि पिता पूरी तरह से आश्रित थे।

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पेंशन की प्रक्रिया के लिए लेखाकार चंद्रमाला को स्वास्थ्य कार्ड एवं अन्य दस्तावेजों की स्वीकृति देनी थी। शिकायतकर्ता द्वारा सभी दस्तावेज़ों के साथ आवेदन करने पर लेखाकार ने स्वीकृति तो दी, पर 12,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

रुपये नहीं देने पर धमकी

शिकायतकर्ता जब रिश्वत देने से मना किया, तो लेखाकार ने पेंशन की फाइल निरस्त करने की धमकी दी। परेशान होकर शिकायतकर्ता ने इस बात की सूचना सतर्कता अधिष्ठान को दी, जिसके बाद ट्रैप ऑपरेशन के तहत लेखाकार को रंगे हाथ पकड़ा गया।

सरकार का सख्त संदेश

इस मामले से स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सरकार सख्ती से काम कर रही है। सतर्कता टीम की सक्रियता से ऐसे मामलों में न्याय की उम्मीद फिर जगी है।

सरकार के उच्च अधिकारी इस मामले की जांच और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दे सकते हैं।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में छिपे भ्रष्टाचार को उजागर किया है। ऐसे अधिकारियों पर कड़ी सज़ा और कानूनी कार्रवाई ही आम जनता का विश्वास बहाल कर सकती है।

सतर्क नागरिक ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार हैं।

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