बिहार में शिक्षक बहाली की बड़ी पहल: 90 हजार पदों पर भर्ती फिर भी 60 हजार पद खाली

बिहार में शिक्षक बहाली की बड़ी पहल:
90 हजार पदों पर भर्ती फिर भी 60 हजार पद खाली

स्थान: पटना |

बिहार में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हो रही है। टीईटी पास उम्मीदवारों के लिए यह एक सुनहरा मौका है। टीईटी-4 के माध्यम से राज्य में 90,000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि, इस प्रक्रिया के बाद भी करीब 60,000 पद रिक्त रह जाएंगे।

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क्यों जरूरी है यह भर्ती?

राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए शिक्षक बहाली अहम कदम है। शिक्षा विभाग का लक्ष्य 2026 तक 7 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करना है। वर्तमान में 5.65 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, और 81 हजार स्कूलों में अभी भी शिक्षकों की भारी कमी है।

टीईटी 4 में क्या है नया?

  1. पेपर होगा कठिन: खासतौर पर भाषा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रश्नपत्र बीएलओ स्तर का होगा ताकि गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जा सके।
  2. गणित, विज्ञान, कंप्यूटर पर ज़ोर: सबसे अधिक नियुक्तियां इन विषयों में होंगी। लगभग 28 हजार नियुक्तियां माध्यमिक विद्यालयों में प्रस्तावित हैं।
  3. नई परीक्षा प्रणाली: परीक्षा को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर आधारित प्रश्न होंगे, जबकि दूसरे भाग में सामाजिक विज्ञान, गणित, विज्ञान, कला और कंप्यूटर आधारित विषयों पर प्रश्न पूछे जाएंगे।

अब तक हुई शिक्षकों की नियुक्ति

  • टीईटी 1: 1,20,336 नियुक्ति
  • टीईटी 2: 94,833 नियुक्ति
  • टीईटी 3: 51,389 नियुक्ति
  • हेडमास्टर: 42,918 नियुक्ति

कुल 5,65,427 शिक्षकों की अब तक बहाली हो चुकी है।

टीईटी 4 का शेड्यूल

आवेदन प्रक्रिया जून से शुरू होगी। परीक्षा अगस्त में आयोजित की जाएगी और सितंबर तक परिणाम जारी कर दिए जाएंगे। 58879 शेष अभ्यर्थियों को भी इस भर्ती में शामिल किया गया है।

“टीईटी 4 में नियुक्तियों के लिए काम तेज़ी से हो रहा है। परीक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भाषा की जटिलता और पेपर का स्तर ऊंचा किया गया है।”
— सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार

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