यूपी बोर्ड में बड़ा बदलाव: इंटरमीडिएट के गैर प्रायोगिक विषयों में भी होगा आंतरिक मूल्यांकन! 📚✍️


यूपी बोर्ड में बड़ा बदलाव: इंटरमीडिएट के गैर प्रायोगिक विषयों में भी होगा आंतरिक मूल्यांकन! 📚✍️

यूपी बोर्ड अब हाईस्कूल की तर्ज पर इंटरमीडिएट (कक्षा 11 व 12) के गैर प्रायोगिक विषयों में भी आंतरिक मूल्यांकन लागू करेगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप किया जा रहा है। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और मंजूरी मिलने पर 2026-27 से लागू होगा।


वर्तमान व्यवस्था और प्रस्तावित बदलाव 📝

  • वर्तमान में:
    • भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गृह विज्ञान जैसे प्रायोगिक विषयों में 30-30 नंबर की प्रायोगिक परीक्षा और 70 नंबर की लिखित परीक्षा होती है।
    • हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र जैसे गैर प्रायोगिक विषयों में 100 नंबर की लिखित परीक्षा होती है।
  • प्रस्तावित बदलाव:
    • गैर प्रायोगिक विषयों में भी 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा।
    • प्रायोगिक विषयों की प्रायोगिक परीक्षा के 30 नंबर घटाकर 20 नंबर की जाएगी।
    • लिखित परीक्षा सभी विषयों में 80 नंबर की होगी।

हाईस्कूल में पहले ही लागू हो चुका है बदलाव 📅

यूपी बोर्ड ने कक्षा 9 व 10 के सभी विषयों में 2011-12 से आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा शुरू कर दी थी। इससे पहले कक्षा 10 की परीक्षा पूरी तरह 100 नंबर की लिखित परीक्षा होती थी।

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असर एक करोड़ से अधिक छात्रों पर होगा 👩‍🎓👨‍🎓

  • यूपी बोर्ड के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 तक करीब 1 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को यह बदलाव प्रभावित करेगा।
  • हर साल लगभग 50 लाख परीक्षार्थी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में भाग लेते हैं।

यूपी बोर्ड की सुरक्षा में बड़ा कदम: मूल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ होगी असंभव! 🔒

  • बोर्ड ने नए प्रकार के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र के कागज पर अंकपत्र छापना शुरू किया है, जिसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या खुरच-फोड़ संभव नहीं
  • फोटोकॉपी में हमेशा “फोटोकॉपी” लिखा आएगा।
  • टीआर (टैबुलेशन रिकॉर्ड) भी इसी कागज पर छपता है और इसका रिकॉर्ड बोर्ड के पास रहता है।
  • इससे पहले 2016 में टीआर में छेड़छाड़ करके कई नियुक्तियां हुई थीं, अब ऐसी घटनाओं को रोका जाएगा।

बोर्ड की प्रतिक्रिया 📢

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने कहा कि गैर प्रायोगिक विषयों में 20 नंबर के आंतरिक मूल्यांकन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा।


यह कदम यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और विद्यार्थियों की वास्तविक क्षमताओं को परखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


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