महानिदेशक पहुंचीं, शिक्षक गायब: परिषदीय स्कूलों में समर कैंप की शुरुआत

महानिदेशक पहुंचीं, शिक्षक गायब: परिषदीय स्कूलों में समर कैंप की शुरुआत

खेल-कूद, गीत-संगीत और कला में बच्चों ने दिखाया हुनर, कुछ स्कूलों पर लटका रहा ताला

लखनऊ के ग्रामीण अंचलों में समर कैंप की शुरुआत के साथ ही बच्चों में उत्साह की लहर दौड़ गई। शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने जब बक्शी का तालाब क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण किया, तो कुछ विद्यालयों में बच्चों की कला, गीत-संगीत और योग से सजी प्रस्तुतियों ने सबका दिल जीत लिया।

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शिक्षा की छुट्टी? कई स्कूलों में दिखा सन्नाटा

जहां एक ओर बच्चे रंग-बिरंगे परिधानों में नृत्य, गायन और योग की प्रस्तुतियों से छा गए, वहीं दूसरी ओर काकोरी के पांच जूनियर विद्यालयों में ताले लटकते मिले। शिक्षकों की अनुपस्थिति ने शिक्षा विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए।

सूत्रों के अनुसार, कई विद्यालयों में शिक्षकों ने समर कैंप का बहिष्कार किया या सूचना के बावजूद स्कूल नहीं पहुंचे। वहीं कुछ विद्यालयों में बच्चों ने बिना शिक्षक के भी अपना उत्साह बनाए रखा।

बच्चों ने दिखाई प्रतिभा

प्राथमिक विद्यालय हरसाखेड़ा में बच्चों ने क्रिकेट खेला, गीत गाए, चित्र बनाएं और अपनी कला का प्रदर्शन किया। सरैया, बांकेटी, वंसा, सआदतनगर, लालपुर नगर और पंडित खड़ा जैसे विद्यालयों में बच्चों ने डांस, योग और एक्टिंग से समर कैंप को सफल बनाया।

महानिदेशक ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए कहा कि समर कैंप न केवल पढ़ाई का माध्यम है, बल्कि यह रचनात्मक विकास और आत्मविश्वास बढ़ाने का एक सशक्त प्लेटफॉर्म है।

प्रशासन सख्त, जांच के आदेश

जिन विद्यालयों में शिक्षक अनुपस्थित मिले, उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जिला शिक्षा अधिकारियों को रोजाना निरीक्षण करने और रिपोर्ट शासन को भेजने का आदेश दिया गया है।

समर कैंप के जरिए जहां एक ओर बच्चों को नया सीखने का मौका मिला, वहीं शिक्षा विभाग को अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की चेतावनी भी मिली। यह पहल तभी सफल होगी, जब शिक्षक और प्रशासन दोनों जिम्मेदारी से साथ निभाएं।

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