परिषदीय स्कूलों में समर कैंप: तैयारी, निर्देश और शिक्षामित्रों की नाराजगी
परिषदीय स्कूलों में समर कैंप: तैयारी, निर्देश और शिक्षामित्रों की नाराजगी
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले ही एक नई पहल देखने को मिलेगी। सोमवार को पढ़ाई के बाद विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी घोषित कर दी जाएगी, लेकिन 21 मई से 10 जून तक समर कैंपशिक्षामित्रों की नाराजगी भी सामने आई है।
समर कैंप के लिए निदेशालय ने दिए निर्देश
राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से समर कैंप को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कैंप का समय सुबह 7 से 10 बजे तक तय किया गया है। सभी उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों में इसका आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
सर्वश्रेष्ठ समर कैंप को मिलेगा सम्मान
हर जिले से पांच सर्वश्रेष्ठ समर कैंप संचालित करने वाले विद्यालयों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए कैंप की गुणवत्ता, नवाचार और बच्चों की भागीदारी को मुख्य आधार माना जाएगा।
अभिभावकों की सहमति और सामुदायिक भागीदारी अनिवार्य
निदेशालय ने निर्देश दिया है कि समर कैंप में बच्चों की भागीदारी के लिए अभिभावकों की पूर्व सहमति आवश्यक है। साथ ही एनजीओ, एनसीसी, वॉलंटियर्स और जनप्रतिनिधियों को जोड़ने का सुझाव भी दिया गया है ताकि अधिक से अधिक प्रेरणादायक वातावरण तैयार किया जा सके।
कैंप में होंगी ये रचनात्मक गतिविधियाँ
- योग अभ्यास
- इनडोर खेल
- आनंददायक शिक्षण गतिविधियाँ
- क्राफ्ट व रचनात्मक कार्य
- कोडिंग व तकनीकी नवाचार (विशेष मॉडल कैंप में)
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि नगर क्षेत्र के मॉडल कैंपों में सीएसआर, विकास प्राधिकरण व तकनीकी सहयोग से विशेष प्रशिक्षण गतिविधियाँ कराई जाएंगी ताकि बच्चों को भविष्य की तकनीकों से जोड़ा जा सके।
शिक्षामित्रों ने कैंप के आयोजन पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि गर्मी की छुट्टियाँ ही एकमात्र विश्राम का समय होता है और सिर्फ उन्हें ही बुलाया जाना अन्यायपूर्ण है।
निष्कर्ष: शिक्षा सुधार बनाम शिक्षक असंतोष
परिषदीय विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन निश्चित रूप से एक शिक्षण नवाचार है, लेकिन इसके लिए शिक्षकों और शिक्षामित्रों की भावनाओं को भी गंभीरता से लेना आवश्यक है। सामूहिक प्रयास, संवाद और संतुलन ही इस योजना को सफल बना सकता है।