प्राथमिक स्कूल के बच्चों को यूनिफॉर्म के पैसे का इंतजार
लखनऊ: प्रदेश में 47 दिन पहले प्रारंभ हुए स्कूलों में बच्चों को यूनिफॉर्म का इंतजार अब तक जारी है। हालांकि, यह यूनिफॉर्म बच्चों तक पहुंचने में देरी हो रही है, जिससे अभिभावकों को चिंता हो रही है। खासकर कक्षा 1 से आठवीं तक के बच्चों की यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते, मोजे और स्टेशनेरी की कीमत 1200 रुपये अभिभावकों के खाते में आने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक इन पैसों का ट्रांसफर नहीं हुआ है।
70 प्रतिशत बच्चों का आधार सत्यापन पूरा
शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, 70 प्रतिशत बच्चों का आधार सत्यापन अब तक पूरा किया जा चुका है। इसके लिए प्रेरणा पोर्टल पर बच्चों का डाटा अपलोड किया जा चुका है, और उनके आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड भी अपडेट किए जा चुके हैं। अब अभिभावकों को सिर्फ यूनिफॉर्म की कीमत का इंतजार है।
क्यों हो रही है देरी?
प्रशासन का कहना है कि स्कूलों में आधार सत्यापन और बच्चों के विवरण को सही तरीके से अपडेट किया जा चुका है। अब इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक?
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि बच्चों को आधार सत्यापन और प्रोफाइल अपलोड करने के बाद ही उनके खाते में यूनिफॉर्म के पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके बाद ही बच्चों को स्कूल की यूनिफॉर्म दी जाएगी।
अभिभावकों की परेशानियां
अभिभावकों का कहना है कि बच्चे काफी समय से यूनिफॉर्म के लिए परेशान हैं। स्कूलों में कई बच्चों ने पुराने कपड़े पहनकर पढ़ाई करना शुरू किया है। वहीं, कुछ अभिभावक बच्चों को इस समय में नई यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव महसूस कर रहे हैं।
अब क्या होगा?
अभिभावक और बच्चे अब प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा कर यूनिफॉर्म के पैसे बच्चों के खातों में भेज दिए जाएंगे ताकि उनका अध्ययन सुचारू रूप से चल सके।