उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षक भर्ती पर टिकी हजारों निगाहें – नया सत्र, नई उम्मीदें! ✍️📚
उत्तर प्रदेश के राजकीय, अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों और बेसिक शिक्षा के स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए नए शिक्षकों की नियुक्ति का सभी को इंतजार है। हालांकि, यह इंतजार अब अगले शैक्षिक सत्र 2025-26 तक खिंचता नजर आ रहा है।
विज्ञापन का इंतजार, तैयारी का इम्तहान ⏳
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से नई भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी होना बाकी है। यदि अगले 2-3 महीनों में विज्ञापन आ भी जाए, तब भी पूरी भर्ती प्रक्रिया में कम से कम 10 से 12 महीने का समय लगना तय है। इसका मतलब है कि इस सत्र में शिक्षकों की कमी बनी रहेगी।
भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, अब दो परीक्षाएं होंगी 📝
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती अब दो चरणों (प्रारंभिक + मुख्य परीक्षा) में की जाएगी। पहले वर्ष 2018 में मात्र एक परीक्षा के आधार पर चयन किया जाता था। यह बदलाव पारदर्शिता के लिहाज से तो बेहतर है, लेकिन समय ज़्यादा लेगा।
केंद्र निर्धारण बना नई चुनौती 🎯
प्रश्नपत्रों की सुरक्षा और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति में भी बदलाव किया गया है। इससे परीक्षा आयोजन संस्थाओं के लिए पर्याप्त और सुरक्षित केंद्रों की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण बन गया है।
अशासकीय विद्यालयों में भी सन्नाटा 🏫
टीजीटी (सहायक अध्यापक) और पीजीटी (प्रवक्ता) पदों के लिए वर्ष 2022 में जो विज्ञापन जारी हुआ था, उसकी लिखित परीक्षा तक अब तक नहीं हो पाई है। नई भर्तियों के लिए शिक्षा निदेशालय से अधियाचन भी नहीं आया है।
बेसिक शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग भी इंतजार में 🧑🏫🎓
सिर्फ माध्यमिक ही नहीं, बेसिक शिक्षा विभाग को भी नए सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए और उच्च शिक्षा विभाग को असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए विज्ञप्ति का इंतजार है।
निष्कर्ष 📌
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले लाखों अभ्यर्थी धैर्य और तैयारी दोनों से जूझ रहे हैं। जहां एक ओर भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर समय पर नियुक्तियां ना होना छात्रों की शिक्षा पर असर डाल रहा है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में ये अड़चनें दूर होंगी और शिक्षक-भर्ती की गाड़ी पटरी पर लौटेगी।