“शिक्षक बनें नवाचार के वाहक”: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नवनियुक्त शिक्षकों से आह्वान
लोकभवन, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित 494 सहायक अध्यापकों और 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि “विकसित भारत की नींव विद्यालयों में ही रखी जाती है।” उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से नवाचार, तकनीकी प्रयोग और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू करने का आह्वान किया।
“आज की नियुक्ति, कल के भारत का निर्माण”
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को अब सिर्फ पढ़ाना नहीं है, बल्कि युवाओं को 21वीं सदी के अनुरूप तैयार करना भी उनका दायित्व है। उन्होंने चेताया कि अगर हम समय की गति के साथ नहीं चले, तो केवल वर्तमान नहीं, भविष्य की पीढ़ियाँ भी हमें माफ नहीं करेंगी।
“आपकी कक्षा उबाऊ न हो, इसके लिए कहानियों, प्रासंगिक उदाहरणों और संवादात्मक शैली का प्रयोग करें।”
– योगी आदित्यनाथ
2017 से पहले की शिक्षा व्यवस्था पर तंज
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि:
- 2017 से पहले माध्यमिक शिक्षा नकल और माफिया संस्कृति का पर्याय बन चुकी थी।
- स्कूल बंद हो रहे थे, शिक्षक अनुपस्थित रहते थे।
- छात्रों को पढ़ाने के बजाय ‘ठेका पद्धति’ से परीक्षा पास कराने का खेल चलता था।
अब बदलाव दिख रहा है:
- नकलविहीन परीक्षा प्रणाली लागू
- 56 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा 14 दिन में पूरी
- परिणाम 15 दिन में घोषित
शिक्षकों के लिए नई उम्मीदें और ज़िम्मेदारियाँ
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा:
“अब तक आप अपने कॅरियर की चिंता कर रहे थे, अब आपको बच्चों का भविष्य बनाना है। शिक्षक आने वाली पीढ़ी का निर्माता होता है।”
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी का संदेश:
“शिक्षक का व्यक्तित्व और आचरण छात्रों पर गहरा प्रभाव डालता है। खुद सजग रहेंगे तो छात्र भी संस्कारी बनेंगे।”
शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों की झलक:
- 23 मिनी स्टेडियम का शिलान्यास
- 778 ICT लैब का उद्घाटन
- 101 अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत
- 5 प्रधानाचार्यों को उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रमाणपत्र
निष्कर्ष: शिक्षक बनें ‘विकसित भारत’ की प्रेरणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल केवल सरकारी नौकरी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े विज़न का हिस्सा है। यह भारत को ज्ञान, नैतिकता और तकनीक से समृद्ध बनाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।
लेखक: Sarkari Kalam ब्यूरो टीम
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