इलाहाबाद हाईकोर्ट: ट्रैफिक जाम से परीक्षा छूटने पर दोबारा मौका नहीं, कोर्ट ने JEE अभ्यर्थियों की याचिका खारिज की


इलाहाबाद हाईकोर्ट: ट्रैफिक जाम से परीक्षा छूटने पर दोबारा मौका नहीं, कोर्ट ने JEE अभ्यर्थियों की याचिका खारिज की

Keywords: इलाहाबाद हाईकोर्ट, JEE Main 2025, ट्रैफिक जाम, परीक्षा दोबारा, एनटीए निर्देश, रिदा फातमा खान

प्रयागराज:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि यदि ट्रैफिक जाम के कारण कोई उम्मीदवार JEE Main जैसी प्रतियोगी परीक्षा में देरी से पहुंचता है, तो यह आधार नहीं हो सकता कि उसके लिए पुनः परीक्षा कराई जाए

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

यह टिप्पणी न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने रिदा फातमा खान व अन्य याचियों की याचिका खारिज करते हुए की। कोर्ट ने कहा कि वह छात्रों के प्रति सहानुभूति रखते हैं, लेकिन यह मामला कानूनी अधिकार के हनन से संबंधित नहीं है।

क्या था मामला?

  • याचियों की JEE Main 2025 की परीक्षा 2 अप्रैल को दूसरी शिफ्ट (3 से 6 बजे) के बीच थी।
  • परीक्षा केंद्र: आजाद टेक्निकल कैंपस, आजाद पुरम, प्रयागराज
  • याचकों ने बताया कि मुख्यमंत्री के काफिले के कारण 1:30 बजे ट्रैफिक रोक दिया गया, जिससे लंबा जाम लग गया और वे परीक्षा समय पर नहीं पहुंच सके।

एनटीए के स्पष्ट निर्देश

  • राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा के लिए कम से कम दो घंटे पहले केंद्र पहुंचना अनिवार्य है।
  • यह पहले से सभी उम्मीदवारों को बताया जाता है।
  • ट्रैफिक, ट्रेन लेट, या अन्य कारणों से देर होने पर दोबारा परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है।

कोर्ट की टिप्पणी

  • उम्मीदवारों को पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए और ट्रैफिक जैसी संभावनाओं का पूर्वानुमान लगाकर ही यात्रा करनी चाहिए।
  • एनटीए को पुनः परीक्षा आयोजित करने का कोई कानूनी दायित्व नहीं बनता
  • ऐसे मामलों में कोर्ट परमादेश (Mandamus) नहीं दे सकता।

अधिवक्ता की नजरबंदी पर भी सख्त रुख

दूसरे मामले में, कोर्ट ने आगरा के चार पुलिसकर्मियों से हलफनामा तलब किया है जिन्होंने 15 नवंबर को अधिवक्ता महताब सिंह को प्रशासनिक जज के दौरे के दिन नजरबंद कर दिया था।

  • कोर्ट ने पूछा कि आखिर हुआ क्या था, किसके आदेश पर यह कार्रवाई की गई?
  • DCP द्वारा दिए गए हलफनामे में बताया गया कि जिला जज को इसकी जानकारी नहीं थी।
  • चारों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।

निष्कर्ष:
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि उन्हें परीक्षा समय को लेकर अत्यंत सतर्क रहना चाहिए। वहीं प्रशासनिक मनमानी के मामलों में भी कोर्ट की सख्ती सामने आई है।

न्याय और शिक्षा से जुड़े अपडेट्स के लिए पढ़ते रहिए: www.sarkarikalam.com


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top