एडेड स्कूलों में कंप्यूटर फिर शामिल, पर शिक्षक नहीं

एडेड स्कूलों में कंप्यूटर फिर शामिल, पर शिक्षक नहीं

जीव विज्ञान और कंप्यूटर जैसे विषयों में शिक्षकों की कमी ने उजागर की शिक्षा नीति की विसंगति

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के राजकीय और अशासकीय (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के नियम समान होने के बावजूद,
अशासकीय कॉलेजों में जीव विज्ञान को स्वतंत्र विषय के रूप में मान्यता नहीं मिली है।
दूसरी ओर, राजकीय विद्यालयों में इस विषय में सहायक अध्यापक की नियुक्ति लगातार होती रही है।

अब एक बार फिर एडेड विद्यालयों में कंप्यूटर विषय को शामिल तो कर लिया गया है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई।
जिससे स्पष्ट है कि नीति और उसके क्रियान्वयन में बड़ा अंतर बना हुआ है।

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अशासकीय विद्यालयों में जीव विज्ञान विषय की उपेक्षा

वर्ष 1996 से पूर्व जीव विज्ञान को स्वतंत्र विषय के रूप में मान्यता दी गई थी।
लेकिन उसी वर्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम-1982 में हुए संशोधन के बाद,
अशासकीय विद्यालयों से जीव विज्ञान विषय को अलग कर दिया गया और इसे रसायन विज्ञान में समाहित कर दिया गया।

इसके परिणामस्वरूप एडेड विद्यालयों में जीव विज्ञान की पढ़ाई तो होती रही,
लेकिन इस विषय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाई।

LT ग्रेड भर्ती में शामिल था जीव विज्ञान

वर्ष 2018 में घोषित LT ग्रेड शिक्षक भर्ती में जीव विज्ञान विषय के लिए 595 पदों को शामिल किया गया था,
जिसमें 336 पुरुष और 259 महिला पद थे। ये नियुक्तियाँ राजकीय विद्यालयों के लिए थीं।

नई नियमावली के अनुसार राजकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के विद्यालयों में विषय चयन की प्रक्रिया समान होनी चाहिए,
लेकिन व्यावहारिक रूप से ऐसा नहीं हो पाया। अशासकीय विद्यालयों के छात्रों के साथ यह एक स्पष्ट शैक्षिक भेदभाव बन गया है।

कंप्यूटर विषय शामिल लेकिन शिक्षक नहीं

एडेड विद्यालयों में कंप्यूटर विषय को फिर से पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है,
लेकिन इस विषय के लिए शिक्षक नियुक्ति की कोई प्रक्रिया नहीं चलाई गई
इससे यह विषय केवल कागजों तक सीमित रह गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक विषयों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती,
तब तक यह विषय छात्रों के लिए लाभकारी नहीं हो सकते।

शिक्षा नीति में एकरूपता लाने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए आवश्यक है कि
अशासकीय विद्यालयों में भी जीव विज्ञान और कंप्यूटर जैसे विषयों के लिए शिक्षक नियुक्त किए जाएं।

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