#12460_68500_69000 शिक्षक भर्ती: नवनियुक्त शिक्षकों की स्पष्ट चेतावनी – बिना पारदर्शिता के नहीं होगा कोई समर्थन!
साथियों नमस्कार,
एक बार फिर से शिक्षक समाज के भीतर हलचल मचाने वाला आह्वान सामने आया है। आगामी 1 मई को एक बड़े संगठन द्वारा जिला मुख्यालय पर धरने का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन इस आयोजन से पहले नवनियुक्त शिक्षकों के मन में कई गंभीर सवाल हैं जिनका जवाब न आयोजकों ने दिया है और न ही धरना समर्थकों ने। इसलिए हमने अपने सवालों को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रत्येक साथी जागरूक रहे और समझ सके कि वह किन मुद्दों के लिए खड़ा हो रहा है।
❓ प्रश्न 1: पुरानी लड़ाई का क्या हुआ?
धरना और आंदोलन कोई नई बात नहीं है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ऑनलाइन हाज़िरी के विरुद्ध हुए आंदोलन का परिणाम क्या निकला?
जो कमेटी बनाई गई थी, उसकी रिपोर्ट कहाँ है?
हमें तो EL, हाफ डे लीव और कैशलेस मेडिकल सुविधाओं का सपना दिखाया गया था। तो अब वो सब कहाँ हैं?
क्या यह आंदोलन भी केवल एक और दिखावा है या वाकई में समाधान की तरफ बढ़ने का प्रयास?
📄 प्रश्न 2: ज्ञापन पहले दिखाएं, फिर समर्थन की अपेक्षा करें
धरना तो बुलाया गया है, लेकिन धरने से पहले ज्ञापन सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा?
जनता को जानने का अधिकार है कि वे किस मांग के लिए खड़े हो रहे हैं, किन बातों को लेकर संघर्ष किया जाएगा।
अगर आपकी मांगे स्पष्ट नहीं हैं, तो किसी भी शिक्षक को अंधेरे में रखकर समर्थन की अपेक्षा करना अनुचित और भ्रामक है।
⚖️ सबसे गंभीर आपत्ति: महिलाओं और जूनियर शिक्षकों के अधिकारों से छेड़छाड़!
धरने के पीछे गंभीर पक्षपात की बू आ रही है।
आयोजक महोदय की कथित मांगों में कहा गया है कि महिला शिक्षिकाओं को मिलने वाला भारांक (वेटेज) समाप्त किया जाए।
यह एक भेदभावपूर्ण सोच है – एक ओर महिला शिक्षकों के हक को छीनने की बात हो रही है, और दूसरी ओर पुरुष शिक्षकों में सीनियर्स को वेटेज देने की पैरवी की जा रही है।
❗ तो क्या ये धरना केवल सीनियर को लाभ पहुंचाने का एक नया तरीका है?
जूनियर शिक्षक भीड़ जुटाएं और वेटेज का फायदा सीनियर्स लें – यह कहां तक न्यायोचित है?
जब समायोजन में जूनियर शिक्षकों को उनका अधिकार नहीं दिया गया, तब आयोजक मौन थे। लेकिन आज जब नवनियुक्त शिक्षक अपनी लड़ाई जीत चुके हैं, तो उनकी शक्ति और संख्या का इस्तेमाल किसी और के हित में करने की तैयारी हो रही है।
🚫 हमारा स्पष्ट संदेश: नवनियुक्त शिक्षक ऐसे किसी भी धरने का हिस्सा नहीं बनेंगे!
जब तक धरना केवल तर्कसंगत, पारदर्शी और सामूहिक हित वाली मांगों के लिए नहीं होगा, तब तक कोई भी नवनियुक्त शिक्षक ऐसे आयोजन का हिस्सा नहीं बनेगा।
✅ क्या करें? सही दिशा में आंदोलन की जरूरत!
यदि वास्तव में कुछ करना है, तो आइए मिलकर मांग करें:
- शिक्षक स्थानांतरण (Transfer) हर वर्ष नियमित रूप से हो
- पदोन्नति की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो
- शिक्षक समुदाय में फुट डालो, राज करो की नीति पर रोक लगे
🗣️ निवेदक: समस्त नवनियुक्त सामान्य/साधारण महिला एवं पुरुष शिक्षक
यह समय है एकजुटता और विवेक का, न कि भ्रम और अंधे समर्थन का।
आवाज उठाइए, लेकिन सोच-समझकर।