हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड अध्यक्ष राजीव कृष्ण को भेजा नोटिस, अवमानना याचिका पर 22 मई तक जवाब तलब
लखनऊ, 27 अप्रैल 2025 — इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण के खिलाफ अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया है। अदालत ने निर्देश दिया है कि वह 7 फरवरी 2025 के आदेश के अनुपालन में हलफनामा दाखिल करें या फिर 22 मई 2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित हों।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने गाजीपुर निवासी शैलेन्द्र कुमार की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
क्या है मामला?
24 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। याची शैलेन्द्र कुमार ने ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था और सभी चरणों की परीक्षाएं सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर ली थीं।
हालांकि, 12 जून 2022 को जब अंतिम परिणाम जारी किया गया, तो याची का नाम चयन सूची में शामिल नहीं किया गया। बोर्ड ने यह तर्क दिया कि याची ने जो ओबीसी प्रमाणपत्र लगाया था, वह केंद्र सरकार के लिए जारी किया गया था, जबकि भर्ती प्रक्रिया राज्य सरकार के तहत थी।
याची ने इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी। अदालत ने सुनवाई के बाद पाया कि याची की जाति ‘कोइरी’ केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर ओबीसी वर्ग में शामिल है। इसलिए केवल केंद्र सरकार द्वारा जारी प्रमाणपत्र के आधार पर उसे चयन से वंचित नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट ने बोर्ड को आदेश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर याची की नियुक्ति उप निरीक्षक पद पर करने के लिए विचार करे।
आदेश की अवहेलना, अब अवमानना की कार्यवाही
बोर्ड ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, जिसके चलते शैलेन्द्र कुमार ने अवमानना याचिका दाखिल की। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अब स्पष्ट किया है कि या तो 22 मई तक हलफनामा दाखिल कर आदेश के पालन की स्थिति स्पष्ट की जाए या फिर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कारण बताएं।
आगे की कार्रवाई
यदि निर्धारित समय तक आदेश का पालन नहीं होता या सटीक स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता, तो अदालत राजीव कृष्ण के खिलाफ अवमानना की सख्त कार्यवाही कर सकती है। इस मामले पर अब सभी की नजरें टिक गई हैं कि पुलिस भर्ती बोर्ड अगला कदम क्या उठाता है।
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