शिक्षा निदेशालय के दो अनुभागों में भीषण आग: एडेड कॉलेजों की महत्वपूर्ण फाइलें राख, जांच समिति गठित
लखनऊ, 27 अप्रैल 2025 — शिक्षा निदेशालय के दो महत्वपूर्ण अनुभागों में रविवार सुबह अचानक भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। आग ने खासतौर पर उन सेक्शनों को चपेट में लिया, जहां एडेड कॉलेजों (अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों) से जुड़ी अतिसंवेदनशील फाइलें रखी गई थीं। इन फाइलों के जलकर नष्ट हो जाने से कई जांच प्रक्रियाओं और विभागीय कामकाज पर गंभीर असर पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार, जलकर राख हुई फाइलों में शिक्षकों की नियुक्ति, स्थानांतरण, वेतन भुगतान विवाद और प्रबंधकीय विवादों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां थीं। शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि अब इन रिकॉर्ड्स को फिर से तैयार करना लगभग असंभव होगा, क्योंकि इनका कोई डिजिटल बैकअप मौजूद नहीं था।
आग लगने के कारणों पर उठ रहे सवाल
हालांकि प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन रविवार को अवकाश के चलते कार्यालयों में बिजली बंद और कमरों में ताले लगे थे। ऐसे में शॉर्ट सर्किट की संभावना पर भी सवाल उठने लगे हैं। विभागीय सूत्रों ने साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया है।
घटना के बाद अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि आग की घटना की गहराई से जांच के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की गई है। इसमें एडीएम सिटी और सीएफओ को भी शामिल किया गया है। पुलिस को भी इस मामले में तहरीर दी गई है।
ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से होगी पूछताछ
जांच समिति घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद आउटसोर्सिंग गार्ड, कैंटीन कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों से गहन पूछताछ करेगी। इसके अलावा, आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जाएगी, ताकि आग लगने के असली कारणों का पता चल सके।
रिकॉर्ड रिकवरी की कोशिशें शुरू
शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, डीआईओएस और ज्वाइंट डायरेक्टर कार्यालयों से संपर्क कर आग में नष्ट हुई फाइलों से संबंधित रिकॉर्ड हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, एडेड कॉलेजों की फाइलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध न होने के कारण, उनका पुनः संग्रहण लगभग असंभव माना जा रहा है।
गंभीर सवाल और आगे की कार्रवाई
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब कई एडेड कॉलेजों में अनियमितताओं को लेकर जांचें चल रही थीं। ऐसे में फाइलों का जलना संदेहास्पद माना जा रहा है। शिक्षा विभाग ने संकेत दिया है कि यदि साजिश की पुष्टि होती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और रिकॉर्ड प्रबंधन को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर रही है। आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट के बाद इस प्रकरण में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।