छह वर्ष की उम्र की बाध्यता बनी प्राइमरी स्कूलों में नामांकन में रुकावट, शिक्षक घर-घर खोज रहे छात्र

छह वर्ष की उम्र की बाध्यता बनी प्राइमरी स्कूलों में नामांकन में रुकावट, शिक्षक घर-घर खोज रहे छात्र

लखनऊ। प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में नामांकन की संख्या इस बार चिंता का विषय बनी हुई है। छह वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा के कारण बड़ी संख्या में बच्चे स्कूलों से वापस लौट रहे हैं। शिक्षक शहर और गांवों में घर-घर जाकर बच्चों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दाखिला प्रक्रिया में आयु की बाध्यता रोड़ा बन रही है।

निजी स्कूलों में हो रहा सहज दाखिला

जहां सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में छह साल की उम्र पूरी करना अनिवार्य कर दिया गया है, वहीं निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में दाखिला बिना किसी उम्र की बाध्यता के हो रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि अभिभावक मजबूरी में अपने बच्चों का रुख निजी स्कूलों की ओर कर रहे हैं।

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छात्र संख्या में भारी गिरावट की आशंका

शिक्षकों का कहना है कि यदि उम्र संबंधी शिथिलता नहीं दी गई, तो इस बार सरकारी स्कूलों में नामांकन का आंकड़ा और नीचे जा सकता है।

प्राथमिक विद्यालय जोन दो के एक प्रधानाध्यापक ने बताया कि अभी तक प्रथम कक्षा में सिर्फ 10 बच्चों का नामांकन हो सका है, जबकि पहले यह संख्या 20 से 30 तक रहती थी।

लखनऊ में 1618 सरकारी स्कूल, नामांकन में भारी अंतर

लखनऊ में कुल 1618 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें आमतौर पर 20 से 50 बच्चों तक दाखिले होते थे, लेकिन इस बार प्रथम कक्षा में औसतन सिर्फ 10 से 15 छात्रों का ही नामांकन हो पाया है।

शासनादेश: 31 जुलाई तक ही मान्य होगी उम्र सीमा

बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल द्वारा 28 मार्च 2025 को बीएसए को जारी आदेश में कहा गया है कि 31 जुलाई तक जिन बच्चों की आयु 6 वर्ष पूरी हो रही है, केवल वही कक्षा-1 में प्रवेश के पात्र होंगे।


क्या कहती हैं जमीनी हकीकत?

  • छोटे बच्चे रोज स्कूलों से लौटाए जा रहे हैं।
  • शिक्षकों पर नामांकन का दबाव है, लेकिन उम्र की शर्त बाधक है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, और अब विश्वास में भी कमी आ रही है।

समाधान की दिशा में ज़रूरत

विशेषज्ञों और शिक्षकों का मानना है कि सरकारी स्कूलों की छवि सुधारने के साथ-साथ, आयु सीमा में लचीलापन देना जरूरी है, ताकि बच्चे प्रारंभिक शिक्षा से वंचित न रहें।

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