पेंशन नियमों में बदलाव से कर्मचारी और शिक्षक पेंशनरों में असंतोष
लखनऊ: भारत सरकार द्वारा लोकसभा में पारित वित्त विधेयक-2025 के माध्यम से सिविल सेवा पेंशन नियमावली में किया गया बदलाव अब विरोध की आग में बदल रहा है। इस संशोधन के तहत सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर ही पेंशन की पात्रता तय की जाएगी, जिससे हजारों कर्मचारियों और शिक्षकों के लाभों पर संकट मंडराने लगा है।
पुराने पेंशनरों के अधिकार पर मंडरा रहा संकट
वित्त विधेयक में हुए इस बदलाव को लेकर पेंशनर्स संगठनों में भारी नाराज़गी है। आरोप है कि इससे पहले से पेंशन प्राप्त कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को भी वंचित किया जा सकता है।
सरकार द्वारा पुरानी सुनिश्चित पेंशन योजना को बहाल न करने से नाराज संगठनों ने आगामी 27 अप्रैल को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शनऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट पेंशनर्स फेडरेशन का आह्वान
ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट पेंशनर्स फेडरेशन और शिक्षक महासंघ के संयुक्त आह्वान पर देशभर में यह प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। 22 अप्रैल से जनपदों में कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे, जो कि 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपनेराजधानी लखनऊ में विशेष आयोजन
राजधानी लखनऊ में कर्मचारी नेता स्व. बीपी सिंह की प्रतिमा स्थलसंगठनों की प्रमुख मांगें
- पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया जाए
- सेवानिवृत्ति तिथि आधारित नए नियम वापस लिए जाएं
- पेंशनरों के भविष्य के लाभों की रक्षा हो
डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा (अध्यक्ष, शिक्षक महासंघ) और सुरेश कुमार त्रिपाठी (संयोजक) ने सभी जनपदों की शाखाओं को अधिकतम सहभागिता के निर्देश दिए हैं।
इस विरोध में बीएल कुशवाहा, हरीओम त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष अजय सिंह
स्रोत: अमर उजाला, कर्मचारी व शिक्षक महासंघ