120 प्रकाश वर्ष दूर मिले जीवन के संकेत: भारतीय वैज्ञानिक डॉ. निक्कू मधुसूदन की टीम का दावा
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क्या हम अकेले नहीं हैं? के2-18बी पर मिला जीवन जैसा संकेत
भारतीय मूल के खगोल वैज्ञानिक डॉ. निक्कू मधुसूदन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इतिहास रचते हुए दावा किया है कि पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक ग्रह ‘के2-18बी’ पर जीवन के मजबूत संकेत मिले हैं।
डॉ. मधुसूदन के अनुसार,
“हमने पहली बार किसी रहने योग्य ग्रह के वातावरण में जैविक लक्षण देखे हैं। यह एक क्रांतिकारी क्षण है।”
क्या है ‘के2-18बी’?
- यह एक एक्सोप्लैनेट (सौरमंडल के बाहर का ग्रह) है।
- हाइड्रोजन-समृद्ध वायुमंडल और गर्म महासागर से ढका हो सकता है।
- यह ग्रह K2-18 नामक तारे की परिक्रमा करता है।
कैसे मिले जीवन के संकेत?
वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के वायुमंडल का विश्लेषण किया और पाया कि वहां मौजूद हैं:
- डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) – पृथ्वी पर यह केवल समुद्री शैवाल द्वारा उत्पादित होता है।
- इसके अलावा, सल्फर, कार्बन, हाइड्रोजन जैसे अणु भी मिले हैं।
इनकी उपस्थिति संकेत देती है कि ग्रह पर जैविक गतिविधियां संभव हैं।
डॉ. निक्कू मधुसूदन ने क्या कहा?
“यह कहना जल्दबाजी होगी कि हमने जीवन खोज लिया है, लेकिन हम अब बहुत करीब पहुंच चुके हैं।”
वैज्ञानिक महत्व:
- यह खोज दर्शाती है कि जीवन जैसी परिस्थितियां पृथ्वी से बाहर भी मौजूद हो सकती हैं।
- यह पहला मौका है जब किसी रहने योग्य एक्सोप्लैनेट पर जैविक अणुओं की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं।
यह शोध कहां प्रकाशित हुआ?
यह अध्ययन प्रतिष्ठित ‘Astrophysical Journal Letters’ में प्रकाशित हुआ है।
निष्कर्ष:
‘के2-18बी’ पर मिले संकेत मानवता के लिए नई उम्मीद हैं। यह खोज न सिर्फ विज्ञान में, बल्कि पूरी मानव सभ्यता के नजरिए में एक नई दिशा दे सकती है—क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?
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