पौधों की पत्तियों में समा रहा है प्लास्टिक: नानकाई यूनिवर्सिटी का चौंकाने वाला खुलासा
मुख्य बिंदु:
- माइक्रोप्लास्टिक अब हवा से सीधे पौधों में प्रवेश कर रहा है।
- पौधों की पत्तियों में पीईटी (Polyethylene Terephthalate) और पीएस (Polystyrene) जैसे कण मिले।
- यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित हुआ है।
- हरी सब्जियों में भी प्लास्टिक की मौजूदगी दर्ज की गई है।
कैसे प्रवेश कर रहा है प्लास्टिक?
नानकाई यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि:
- प्लास्टिक के सूक्ष्म कण हवा के जरिए पौधों की पत्तियों में मौजूद स्टोमाटा (सूक्ष्म छिद्रों) से अंदर जाते हैं।
- ये कण पौधों के ट्राइकोम्स (बाल जैसी संरचनाएं) और वास्कुलर टिशू (संवहन ऊतक) तक पहुंच जाते हैं।
हरी सब्जियों पर असर:
- नौ प्रकार की हरी सब्जियों में माइक्रोप्लास्टिक कण पाए गए।
- खुले खेतों में उगाई गई सब्जियों में प्लास्टिक की मात्रा अधिक थी।
- पुरानी और बाहरी पत्तियों में ज्यादा प्लास्टिक जमा पाया गया।
किन इलाकों में प्लास्टिक अधिक?
- शहरी इलाके, पार्क, कूड़ाघर और औद्योगिक क्षेत्रों में पाई गई पत्तियों में प्लास्टिक की मात्रा सबसे ज्यादा थी।
- ये कण केवल सतह पर नहीं थे, बल्कि गहरे ऊतक और पौधों की संरचनाओं में समा चुके थे।
क्यों है यह खतरनाक?
- यह खोज इस ओर इशारा करती है कि हमारे खाद्य स्रोत भी प्लास्टिक प्रदूषण से सुरक्षित नहीं हैं।
- प्लास्टिक कणों का हमारी स्वास्थ्य और खाद्य श्रृंखला पर दूरगामी असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
यह अध्ययन हमें सचेत करता है कि प्लास्टिक प्रदूषण का असर अब अदृश्य और गहराई तक पहुंच गया है। अब यह सिर्फ पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य संकट भी बन चुका है।