पूर्व मा. वि. में शिक्षिका निलंबित और बीएसए ऑफिस पर बड़ी कार्रवाई 🚨
गोरखपुर: क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगल हरपुर में कार्यरत सहायक अध्यापिका किरन देवी को छात्राओं की गंभीर शिकायत के बाद निलंबित कर दिया गया है। शिक्षिका पर आरोप था कि वह विद्यालय में बच्चों से गाली-गलौज करती हैं और अभिभावकों से भी अपशब्द में बात करती हैं।
छात्राओं ने की सीधी शिकायत ✍️
25 मार्च को उच्च प्राथमिक स्कूल की छात्राओं ने बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को एक पत्र भेजा जिसमें शिक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। यह भी कहा गया कि वह हफ्ते में सिर्फ एक-दो दिन ही स्कूल आती हैं और दोपहर से पहले चली जाती हैं।
बीईओ की जांच में हुई पुष्टि ✅
बीईओ सबिस्ता परवीन की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि शिक्षिका ने बिना समय अंकित किए उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर कर स्कूल छोड़ दिया। साथ ही, 24 जनवरी और 3 फरवरी को उन्होंने बिना ऑनलाइन सूचना के छुट्टी ली थी। अन्य शिक्षकों और छात्रों ने भी इन तथ्यों की पुष्टि की।
इसके आधार पर बीएसए रमेन्द्र कुमार सिंह ने शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उन्हें भटहट बीआरसी से संबद्ध कर दिया है।
बीएसए कार्यालय में गड़बड़ियों पर डीएम की कार्रवाई ⚠️
बेसिक शिक्षा विभाग में अव्यवस्थाओं की जानकारी मिलने पर डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह के साथ बीएसए कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई अनियमितताएं पाई गईं, जैसे:
- अनुपस्थित शिक्षामित्रों को वेतन मिलना
- अवकाश स्वीकृति में मनमानी
- फर्जी स्कूल संचालन में संलिप्तता
कई अफसरों पर गिरी गाज ⚡
डीएम ने निरीक्षण के बाद वरिष्ठ लिपिक राजेश बाबू को निलंबित कर अन्य ब्लॉक में संबद्ध किया। साथ ही, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा शेखर गुप्ता और जिला समन्वयक निर्माण आलोक मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए गए।
दिव्यांग छात्रों के लिए आदेश 🦽
डीएम ने सीडीओ को निर्देश दिया कि दिव्यांग उपकरणों और ट्राईसाइकिल आदि का भौतिक सत्यापन किया जाए और उनकी गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
क्या बोले अधिकारी? 🎙️
बीएसए दिव्या गुप्ता ने कहा, “जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों का पूर्ण पालन किया जाएगा। संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया जा रहा है।”
यह घटना न केवल शिक्षा जगत में अनुशासन की आवश्यकता को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्रशासन अब लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।