छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में अष्टाध्यायी की ऑनलाइन शिक्षा शुरू

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में अष्टाध्यायी की ऑनलाइन शिक्षा शुरू

– पाणिनि की ‘पौष्पी पद्धति’ से संस्कृत सीखने का अनूठा प्रयोग, दुनिया भर के छात्रों के लिए खुला अवसर

कानपुर, 12 अप्रैल 2025 – छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) ने संस्कृत शिक्षण में एक क्रांतिकारी पहल की है। नए शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय महर्षि पाणिनि की अष्टाध्यायी को पौष्पी पद्धति के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाएगा, जिससे छात्र बिना रटे ही संस्कृत के नियमों को समझ सकेंगे। यह पाठ्यक्रम दुनिया का पहला ऐसा प्रयास है जो अष्टाध्यायी के ‘प्रक्रिया विज्ञान’ पर आधारित होगा।

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पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ

  1. पौष्पी पद्धति क्या है?
  • यह प्रो. शोभा मिश्रा (वीएसएसडी कॉलेज) द्वारा विकसित एक नवाचारी शिक्षण तकनीक है, जो अष्टाध्यायी के मूल सिद्धांतों को सरल बनाती है।
  • इसमें धातुओं और प्रत्ययों के माध्यम से संस्कृत शब्द-निर्माण की प्रक्रिया सिखाई जाती है।
  1. कोर्स संरचना:
  • 1 वर्षीय ब्रिज कोर्स: इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्र भी इसे कर सकेंगे।
  • 4 वर्षीय बीए संस्कृत (ऑनर्स): ब्रिज कोर्स पूरा करने वाले छात्रों के लिए।
  • ऑनलाइन मोड: दुनिया के किसी भी कोने से पढ़ाई की जा सकेगी।
  1. अष्टाध्यायी की विशेषता:
  • पारंपरिक लघु सिद्धांत कौमुदी के बजाय पाणिनि के प्रक्रिया-विज्ञान पर जोर।
  • भाषा के नियमों को तर्कसंगत ढंग से समझाने की पद्धति।

क्यों है यह पहल खास?

  • CSJMU दुनिया का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जो अष्टाध्यायी को पौष्पी पद्धति से पढ़ाएगा।
  • कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के अनुसार, “यह पाठ्यक्रम संस्कृत को रटंत विद्या नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भाषा के रूप में स्थापित करेगा।”
  • प्रो. शोभा मिश्रा ने बताया कि 1 साल के कोर्स के बाद कोई भी संस्कृत पढ़-लिख सकता है।

यूपी में शिक्षक भर्ती में AI का उपयोग

इसी बीच, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) ने 16-17 अप्रैल को होने वाली सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग की घोषणा की है:

  • बायोमेट्रिक सत्यापन: अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान और आँख की पुतली स्कैन की जाएगी।
  • 910 पदों पर 82,876 उम्मीदवारों की भागीदारी।

निष्कर्ष

CSJMU का यह कदम संस्कृत को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक मील का पत्थर है। वहीं, UPHESC की AI आधारित परीक्षा प्रणाली पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।

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(अधिक जानकारी के लिए CSJMU की आधिकारिक वेबसाइट देखें।)

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