UP में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में AI की एंट्री! 🤖 सख्ती से होगी पहचान और निगरानी
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अब भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की नकल और फर्जीवाड़े पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से लगाम कसने जा रहा है। आगामी 16 व 17 अप्रैल को आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में यह तकनीक पहली बार प्रयोग की जाएगी।
AI + बायोमेट्रिक सिस्टम = फुलप्रूफ परीक्षा प्रणाली ✅
परीक्षा में पारदर्शिता लाने और फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान के लिए अब थंब इंप्रेशन और आइरिस कैप्चरिंग (आंख की पुतली की स्कैनिंग) का सहारा लिया जाएगा। ये तकनीक परीक्षा के हर स्तर पर संदिग्धों की पहचान में मदद करेगी।
सख्त निगरानी के निर्देश, STF भी एक्टिव 🕵️♂️
राज्य शैक्षिक विज्ञान संस्थान (सीमैट) में आयोजित बैठक में आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने विशेष प्रेक्षकों और पर्यवेक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए।
सचिव मनोज कुमार और परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह ने साफ कहा –
“परीक्षा में किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।”
STF (विशेष कार्य बल) को भी सतर्क किया गया है ताकि परीक्षा को प्रभावित करने वाले अनुचित तत्वों को पहले ही चिह्नित किया जा सके।
कड़ी सज़ा का प्रावधान – नकल का मतलब जेल और जुर्माना! 🚫
उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के अनुसार:
- ❌ नकल करना या कराना
- ❌ प्रश्न पत्र लीक करना या उसका प्रतिरूपण
- ❌ परीक्षा में षड्यंत्र करना
इन सभी को अपराध की श्रेणी में रखा गया है, और दोषी पाए जाने पर:
- ₹1 करोड़ तक का जुर्माना
- आजीवन कारावास, या
- दोनों ही सज़ा संभव है! ⚖️
प्रवेश पत्र जारी — परीक्षा दो पालियों में 📝
आयोग ने रविवार को प्रवेश पत्र वेबसाइट पर जारी कर दिए हैं। परीक्षा 33 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों के लिए आयोजित की जा रही है।
परीक्षा कार्यक्रम:
- तिथि: 16 व 17 अप्रैल
- स्थान: प्रयागराज, आगरा, मेरठ, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी
- समय:
- सुबह: 9:30 AM – 11:30 AM
- अपराह्न: 2:30 PM – 4:30 PM
नई नियुक्ति: डॉ. विकास सिंह बने आयोग के उप सचिव 👨🏫
डॉ. विकास सिंह, जो वर्तमान में राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में प्रवक्ता हैं, को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का उप सचिव नियुक्त किया गया है।
अब आयोग में दो उप सचिव हो गए हैं:
- डॉ. शिवजी मालवीय
- डॉ. विकास सिंह
हालांकि अभी भी दो पद रिक्त हैं।
निष्कर्ष: परीक्षा में पारदर्शिता के लिए AI का ऐतिहासिक कदम 🚀
यह पहली बार है जब आयोग AI और बायोमेट्रिक तकनीक का मिश्रित उपयोग करके परीक्षा प्रणाली को और अधिक भरोसेमंद बना रहा है।
इससे एक बात साफ है —
अब नकल करने वालों की खैर नहीं!
#UPExamNews #AIInExams #UPPSC #AssistantProfessorExam #EducationNews #NoCheating