तमिलनाडु: मासिक धर्म के कारण कक्षा 8 की दलित छात्रा को परीक्षा के दौरान क्लास से बाहर बैठाया गया
स्कूल प्रिंसिपल के फैसले पर आक्रोश, मां ने वीडियो बनाकर शिकायत दर्ज कराई
कोयंबटूर जिले के किनाथुकदावु तालुक के एक निजी मैट्रिकुलेशन स्कूल में एक दलित (अरुंथथियार समुदाय) छात्रा के साथ मासिक धर्म (पीरियड्स) को लेकर भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया। घटना के बाद छात्रा की मां ने वीडियो रिकॉर्ड कर अधिकारियों से शिकायत की है।
घटना क्या हुई?
- 5 अप्रैल को छात्रा को मासिक धर्म शुरू हुआ, जिस दौरान स्कूल में परीक्षाएं चल रही थीं।
- 7 अप्रैल को साइंस की परीक्षा के दिन प्रिंसिपल ने उसे कक्षा से बाहर बैठाकर पेपर दिलाया।
- जब छात्रा ने यह बात अपनी मां को बताई, तो 9 अप्रैल को मां भी स्कूल पहुंच गईं।
- उस दिन सोशल साइंस की परीक्षा थी, और जब प्रिंसिपल ने फिर छात्रा को बाहर बैठाया, तो मां ने इसका वीडियो बना लिया और शिकायत दर्ज कराई।
प्रतिक्रिया और कार्रवाई
- इस घटना ने सामाजिक मीडिया पर आक्रोश पैदा किया है।
- शिक्षा अधिकारियों ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
- दलित अधिकार संगठनों ने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्यों यह मामला गंभीर है?
- यह घटना मासिक धर्म से जुड़ी कलंक (मेन्स्ट्रुअल स्टिग्मा) और जातिगत भेदभाव का उदाहरण है।
- भारत सरकार ने मेन्स्ट्रुअल हाइजीन को लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए हैं, लेकिन आज भी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।
आगे क्या होगा?
- जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने मामले की तुरंत जांच का आदेश दिया है।
- राज्य महिला आयोग और एससी/एसटी आयोग भी हस्तक्षेप कर सकते हैं।
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(अधिक जानकारी मिलने पर अपडेट किया जाएगा।)