राजधानी में 66 शिक्षकों को मिला सम्मान: “एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता”

राजधानी में 66 शिक्षकों को मिला सम्मान: “एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता”


“एक अध्यापक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता!”
इस प्रेरणादायक संकल्प के साथ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने राजधानी लखनऊ के 66 सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया। समारोह का आयोजन रविवार को कृषि निदेशालय के ऑडिटोरियम में किया गया, जहां पूरे प्रदेश के अलग-अलग ब्लॉकों से आए शिक्षकों को भावभीनी विदाई दी गई।


भावुक हुआ समारोह, शिक्षा के प्रति समर्पण दिखा
कार्यक्रम के दौरान कई शिक्षक भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

“हम भले ही सेवा से निवृत्त हो रहे हैं, लेकिन ज्ञान देने की यात्रा कभी खत्म नहीं होती। हम जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने का काम करते रहेंगे।”

उनका ये जज्बा हर किसी के लिए प्रेरणा था।


सम्मानित शिक्षक कौन-कौन रहे?

माल ब्लॉक: बीना थॉमस, नसीम आरा, मनोज शुक्ला, सैय्यद हुसैन
चिनहट ब्लॉक: विनीता शाह, विनीता शर्मा, यशोधरा आर्या, मंजू लता, कदीरा खातून
सरोजनीनगर ब्लॉक: अर्चना त्रिपाठी, राजकुमार राम, प्रभा शर्मा, रश्मि खरे, रेहान वहीद, निर्मला साहू, ललित कुमार, संध्या गुप्ता, गायत्री सिंह, नीलिमा
काकोरी ब्लॉक: राम कृष्ण, मनीष कुमारी, अली किश्वर, ऊषा देवी, मो. उमर
मलिहाबाद ब्लॉक: रम्मो रानी, रोहिणी निगम, हरि कृष्ण गुप्ता, शबीह फातिमा, अखलाक हुसैन, सरोज शुक्ला, छाया अग्रवाल, शशि सक्सेना, ओपी दीक्षित, राधिका देवी, मंजू मिश्रा
गोसाईंगंज ब्लॉक: सुमन सिंह, विमला देवी, दिनेश कुमार, उर्मिला श्रीवास्तव
जोन दो: कमला देवी, कनीज फातिमा, मंजुल कुमारी, सरोज कुमारी
जोन तीन: सुनीता शुक्ला, रजिया सुल्ताना, रफत नवाज, फजीलत बानो, बद्रीनाथ
बीकेटी ब्लॉक: पुष्पा देवी, आशा किरन, प्रतिमा दुबे, इंद्रा सक्सेना, मो. कमरूल, गीता देवी, हूर बानो, अनीसा बेगम, राजमती देवी, रमा मिश्रा


संघ के प्रमुखों ने दी शुभकामनाएं
समारोह में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, प्रांतीय महामंत्री संजय सिंह, कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडेय, कृषि कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन, और जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह मौजूद रहे।

ब्लॉक अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों ने भी मंच साझा करते हुए अपने अनुभव सुनाए और शिक्षकों को उनके अमूल्य योगदान के लिए सराहना दी।


निष्कर्ष: शिक्षा की सेवा एक आजीवन मिशन
यह कार्यक्रम सिर्फ एक विदाई समारोह नहीं था, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत था — कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते, वे आजीवन समाज को रोशन करने का कार्य करते रहते हैं।

ऐसे समर्पित शिक्षकों को हमारा नमन!
आपका क्या कहना है शिक्षकों की इस भावना पर? कमेंट में अपनी राय ज़रूर साझा करें!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top