📱 स्मार्टफोन की लत: अनिद्रा और खराब नींद का कारण? 🌙😴
नई दिल्ली: तकनीकी युग में स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टीवी का उपयोग हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है, लेकिन रात में इनका अधिक इस्तेमाल आपकी नींद के लिए खतरनाक हो सकता है। नॉर्वे में किए गए एक नए शोध में यह पाया गया है कि सोने से पहले एक घंटे तक स्क्रीन देखने से अनिद्रा का खतरा 60% तक बढ़ सकता है।
📊 स्क्रीन टाइम और नींद पर प्रभाव
नॉर्वे के नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता गुन्नहिल्ड जॉनसन हेटलैंड के अनुसार, स्क्रीन टाइम जितना अधिक होगा, नींद उतनी अधिक प्रभावित होगी।
🔹 स्क्रीन टाइम बढ़ने से:
✔️ अनिद्रा (Insomnia) का खतरा बढ़ता है।
✔️ नींद का पैटर्न खराब होता है।
✔️ सर्केडियन रिदम (शरीर की जैविक घड़ी) प्रभावित होती है।
✔️ सोने की अवधि 24 मिनट तक कम हो सकती है।
🔹 स्क्रीन टाइम में शामिल हैं:
✔️ मोबाइल फोन📱
✔️ टीवी 📺
✔️ कंप्यूटर 💻
✔️ टैबलेट 📟
⚠️ सोने से पहले स्क्रीन देखने के दुष्प्रभाव
✅ नींद की गुणवत्ता खराब होती है।
✅ थकान और मानसिक तनाव बढ़ता है।
✅ सुबह उठने में दिक्कत होती है।
✅ ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सोने से पहले एक घंटे तक स्क्रीन देखने से अनिद्रा के लक्षण 59% तक बढ़ सकते हैं।
🛑 नींद सुधारने के लिए क्या करें?
🔹 मोबाइल को सोने से कम से कम 1 घंटा पहले दूर रखें।
🔹 ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें।
🔹 रात को किताब पढ़ें या ध्यान करें।
🔹 बेड पर मोबाइल चलाने की आदत छोड़ें।
🔍 निष्कर्ष
📌 रात में मोबाइल और स्क्रीन डिवाइस का अधिक इस्तेमाल आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है।
📌 अगर अच्छी नींद चाहते हैं तो सोने से पहले स्क्रीन से दूर रहें और ब्लू लाइट से बचें।
📢 क्या आप भी सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं? कमेंट में अपनी राय दें! 💬