⚠️ प्राथमिक विद्यालय में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव का आरोप — गोंडा

झंझरी ब्लॉक के चिश्तीपुर प्राथमिक विद्यालय की पूर्व सहायक अध्यापिका ने सहकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए — न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज। 🏫🔍

मामले का संक्षेप

गोंडा के देहात कोतवाली में न्यायालय के निर्देश पर शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
शिकायतकर्ता सुरेखा कुमारी (शकुंतला नगर गढ़ी, आगरा निवासी) ने आरोप लगाया कि उनकी तैनाती के दौरान चिश्तीपुर प्राथमिक विद्यालय में सहकर्मी शिक्षकों व कर्मचारियों ने विद्यालय के बच्चों और कर्मचारियों पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया और विरोध पर मारपीट व जान से मारने की धमकी दी गई। 😟

किस पर आरोप हैं?

सुरेखा ने जिन लोगों पर आरोप लगाए हैं, उनमें शामिल हैं:

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  • 🧑‍🏫 प्रधानाध्यापिका — तजीन खान
  • 👩‍🏫 सहायक अध्यापिका — फरीन खान
  • 👩 शिक्षामित्र — साफिया खातून
  • 👨 — राशिद खान, नफीस खान, एजाज अहमद, सज्जन
  • 🏫 हायर सेकेंड्री स्कूल पांडेयपुर के प्रधानाध्यापक — अफसर हसन
  • 👩 — अमाना खातून

आरोप यह है कि ये लोग विद्यालय में धर्मान्तरण के पक्ष में गतिविधियाँ कर रहे थे और मदरसे के रूप में विद्यालय का परिवर्तन करने का प्रयास कर रहे थे।

घटना और शिकायत की टाइमलाइन

22 मार्च, 2023: सुरेखा का आरोप है कि इसी दिन विद्यालय परिसर में आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की और धर्म परिवर्तन से इंकार करने पर जान से मारने की धमकी दी।

28 मार्च, 2023: उन्होंने देहात कोतवाली में घटना की सूचना दी, परन्तु तत्काल कदम नहीं उठाए जाने का आरोप है।

15 मई, 2023: सुरेखा ने पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से प्रार्थनापत्र भेजा, लेकिन तब भी संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने का दावा किया गया।
बाद में उनका स्थानांतरण मथुरा हो गया, जिससे घटना के बाद कार्रवाई कराना और मुश्किल हो गया।

इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की — और कोर्ट के आदेश पर अब रिपोर्ट दर्ज हुई है। ⚖️

पुलिस की प्रतिक्रिया

स्थानीय पुलिस के बयानों के अनुसार शिकायत के आधार पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और घटनास्थल तथा आरोपों की जांच की जा रही है। संबंधित अधिकारियों ने कहा है कि मामले की सत्यापन-पूर्वक जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 🕵️‍♀️

कनूनी व सामाजिक पहलुओं पर विचार

धर्म परिवर्तन जबरदस्ती या धमकी के माध्यम से कराना न केवल सामाजिक दृष्टि से गंभीर अपराध है बल्कि यह आपराधिक और संवैधानिक प्रश्न भी खड़े करता है।
ऐसे मामलों में निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

  • 🔎 त्वरित और निष्पक्ष पुलिस जांच ताकि पीड़ित को न्याय मिले और साक्ष्यों का संरक्षण हो सके।
  • 📑 यदि कोई जबरन हस्ताक्षर/दस्तावेज बने हों तो उनकी फॉरेंसिक जांच करानी चाहिए।
  • 🛡️ पीड़ितों की सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • 🏫 विद्यालयों में धर्मनिरपेक्ष और संवैधानिक शिक्षा के पालन की निगरानी आवश्यक है।

समुदाय का संदेश और आगे की राह

स्थानीय समुदाय, शिक्षा अधिकारियों और प्रशासन को मिलकर यह देखना होगा कि स्कूल सुरक्षित स्थान बने जहाँ बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरदस्ती धार्मिक दबाव से बचाया जा सके।
साथ ही त्वरित कानूनी कार्रवाई और पीड़ितों को संरक्षण उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। 🤝

नोट: यह रिपोर्ट पीड़िता द्वारा दिए गए विवरण और उपलब्ध स्थानीय जानकारियों पर आधारित है। आरोपित व्यक्तियों या संबंधित कार्यालय/स्कूल से प्राप्त उत्तर मिलने पर खबर में अपडेट दे दी जाएगी।

✉️ अगर आपके पास इस मामले से जुड़े दस्तावेज़, गवाह या कोई अतिरिक्त जानकारी है तो कृपया हमें भेजें — हमारी टीम सत्यापन के बाद आगे की कवरेज प्रदान करेगी।