📢 क्या स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति के लिए TET अनिवार्य है?
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) से इस संवेदनशील मुद्दे पर कानूनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा — और फिलहाल बिना टीईटी के नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। ⚖️
बेंच और मामला — संक्षेप में
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने रजनीश कुमार पांडेय बनाम केंद्र सरकार मामले में स्पेशल एजुकेटरों की भर्ती की कानूनी बुनियाद की समीक्षा की। अदालत ने NCTE से पूछा कि क्या स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने के लिए भी टीईटी/CTET अनिवार्य है या रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ़ इंडिया (RCI) की योग्यता ही पर्याप्त मानी जानी चाहिए। 🔍
अंतरिम आदेश — क्या बदला?
🛑 अदालत ने अंतरिम रूप से स्पष्ट कर दिया है कि जब तक टीईटी योग्यता नहीं है, किसी भी अभ्यर्थी को स्पेशल एजुकेटर के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा। साथ ही NCTE को नोटिस जारी कर के पूछा गया है कि वर्तमान में कानून क्या कहता है और क्या टीईटी की आवश्यकता के बारे में व्यापक प्रचार किया गया था या नहीं।
अदालत ने राज्यों से भी कहा है कि वे उन सभी अधिसूचनाओं/नोटिफिकेशनों की सूची पेश करें जहाँ टीईटी के बिना भर्ती प्रक्रियाएँ शुरू की गई थीं। 📝
पिछले आदेश और सरकारी सर्कुलर — संदर्भ
सुनवाई के दौरान अदालत का ध्यान 21 जुलाई, 2022 के आदेश और 10 जून, 2022 के शिक्षा मंत्रालय के सर्कुलर की ओर भी गया — जिनमें CTET/ TET/ NTA स्कोर के साथ क्लासरूम डेमॉन्स्ट्रेशन और इंटरव्यू को भी चयन प्रक्रिया का हिस्सा माना गया था। यह पृष्ठभूमि इस विवाद को समझने में अहम है कि किन मानदंडों के आधार पर स्पेशल एजुकेटरों को चुना जा रहा है। 🎓
राज्य सरकारों की स्थिति और कोर्ट का आग्रह
कई राज्यों ने भर्ती प्रक्रिया में RCI की योग्यता को स्पेशल एजुकेटरों के लिए प्राथमिक मान लिया और टीईटी को अनिवार्य नहीं माना — जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने अब उच्चस्तरीय स्पष्टता मांगी है। कोर्ट ने NCTE को पक्षकार बनाकर नोटिस जारी किया और पूछा कि क्या इस आवश्यकता के बारे में पर्याप्त जनसम्पर्क/प्रचार किया गया था। 📣
दिल्ली का मामला और मेरिट लिस्ट
सुनवाई में यह भी सामने आया कि दिल्ली सरकार ने जुलाई 2022 और जुलाई 2023 में भर्ती विज्ञापन जारी किए परन्तु चयन प्रक्रिया का रिजल्ट अभी तक प्रकाशित नहीं किया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वे दो सप्ताह के अंदर मेरिट लिस्ट प्रकाशित करें और अगली सुनवाई पर उसे पेश करें। 📌
अलग ज़िक्र — हाथरस कांड पर याचिका खारिज
साथ ही समाचार में यह भी शामिल है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस कांड की निगरानी के लिए लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में अलग पीठ (जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर) ने कहा कि मामला हाई कोर्ट में लंबित है, इसलिए सर्वोच्च अदालत फिलहाल हस्तक्षेप के लिए इच्छुक नहीं है। ⚖️
क्या बदल सकता है — संभावित परिणाम
- अगर कोर्ट ने टीईटी अनिवार्य कर दिया: कई राज्यों की चालें प्रभावित होंगी। नई नियुक्तियाँ रुकी रहेंगी जब तक कि अभ्यर्थी टीईटी पास न हों।
- अगर RCI योग्यता पर्याप्त मानी गई: राज्यों के वर्तमान नोटिफिकेशन्स को वैध माना जा सकता है और नियुक्तियाँ जारी रह सकती हैं।
- न्यायिक निर्देशों के बाद नीति स्पष्टता: NCTE/ शिक्षा मंत्रालय से दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं ताकि भर्ती प्रक्रियाओं में समानता बनी रहे।
क्या जानना ज़रूरी है — आपकी चेकलिस्ट
यदि आप अभ्यर्थी, स्कूल प्रशासक या नियोक्ता हैं, तो ये बिंदु ध्यान में रखें:
- आधिकारिक नोटिफिकेशन: राज्य/केन्द्र द्वारा जारी नवीनतम भर्ती अधिसूचना पढ़ें।
- टीईटी स्थिति: क्या आपके पास CTET/TET का प्रमाणपत्र है या RCI से संबंधित योग्यता? दोनों का प्रावधान देखें।
- न्यायिक विकास: अगली सुनवाई और NCTE के जवाब पर निगरानी रखें — क्योंकि इससे नियमों में स्पष्टता आएगी।
