📰 69 हज़ार शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ितों की हुंकार — “अब नहीं तो विधानभवन का घेराव करेंगे”
✍️ By सरकारी कलम टीम | लखनऊ | 13 अक्टूबर 2025
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में हुई 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का धैर्य अब जवाब देता दिख रहा है। रविवार को लखनऊ के शालीमार गार्डन बाग में अभ्यर्थियों की अहम बैठक हुई, जिसमें उन्होंने आगामी 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को निर्णायक बताया।
बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि —
यदि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में याची लाभ का प्रस्ताव नहीं रखती या न्याय में देरी करती है, तो अभ्यर्थी संवैधानिक दायरे में रहकर विधानभवन का घेराव करेंगे।
⚖️ 14 महीने से लंबित न्याय की उम्मीद
अभ्यर्थियों ने बताया कि मामला पिछले 14 महीनों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जहां अब तक 23 से अधिक तारीखें लग चुकी हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से अभी तक पक्ष रखने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।
कानपुर के नितिन पाल ने भावुक होकर कहा —
“पिछले सात साल से हमारा हर पर्व फीका जा रहा है। 2020 में याची बनकर न्याय की उम्मीद जगाई थी, लेकिन सरकार ने मामला लटका रखा है।”
मऊ के बीपी डिसूजा ने कहा —
“यह भर्ती बीएड अभ्यर्थियों के लिए अंतिम मौका है। अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट में याची लाभ का प्रस्ताव रखकर मामला निस्तारित करना चाहिए।”
📍प्रदेशभर से जुटे अभ्यर्थी
इस बैठक में बाराबंकी, कानपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, सीतापुर और भदोही सहित कई जिलों के अभ्यर्थी पहुंचे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि 28 अक्टूबर को भी सरकार का रुख स्पष्ट नहीं हुआ, तो आंदोलन का रूप और व्यापक होगा।
💬 सरकारी कलम की राय:
सरकारी भर्ती में न्याय की देरी, अभ्यर्थियों के भविष्य को धुंधला कर देती है। 69 हजार भर्ती जैसे बड़े प्रकरण में सरकार को चाहिए कि वह सुप्रीम कोर्ट में सक्रिय रूप से पक्ष रखे और पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय दिलाए। वर्षों से इंतज़ार कर रहे इन युवाओं की उम्मीदें अब न्याय व्यवस्था और शासन दोनों से जुड़ी हैं।
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