📰 अब सुरक्षित और सशक्त होंगी केजीबीवी की बेटियाँ — हर महीने होगा संवाद, निरीक्षण और फीडबैक सिस्टम होगा मजबूत

📰 अब सुरक्षित और सशक्त होंगी केजीबीवी की बेटियाँ — हर महीने होगा संवाद, निरीक्षण और फीडबैक सिस्टम होगा मजबूत
✍️ रिपोर्ट: सरकारी कलम टीम


राजधानी लखनऊ स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) में हाल ही में छात्राओं से मारपीट की घटना सामने आने के बाद, शासन ने अब इन विद्यालयों की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को सख़्त करने का फैसला किया है।

समग्र शिक्षा अभियान के तहत, प्रदेश के सभी KGBV की निगरानी, संवाद और फीडबैक व्यवस्था को और मज़बूत किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, शोषण या शिकायत तुरंत सामने आ सके।


Table of Contents

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🎯 अब क्या-क्या बदलेगा?

1️⃣ हर महीने होगा अधिकारियों का सीधा संवाद:
अब प्रत्येक माह एक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें अधिकारी सीधे छात्राओं से बातचीत करेंगे। छात्राओं को अपनी समस्याएँ खुलकर बताने का अवसर मिलेगा।

2️⃣ ड्रॉप बॉक्स व्यवस्था और मज़बूत होगी:
हर केजीबीवी में लगे फीडबैक ड्रॉप बॉक्स को नियमित रूप से मॉनिटर किया जाएगा। छात्राएँ बिना डर के अपनी शिकायतें या सुझाव लिखकर डाल सकेंगी, ताकि गोपनीयता बनी रहे।

3️⃣ निरीक्षण प्रणाली को नियमित किया जाएगा:
अब अधिकारियों के नियमित निरीक्षण होंगे, जिसमें न केवल सुविधाओं की जांच होगी बल्कि छात्राओं से आमने-सामने बातचीत भी की जाएगी।

4️⃣ छात्राओं की भागीदारी बढ़ेगी:
अधिकारियों की बैठकों में छात्राओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे और उनके सुझावों को नीतियों में शामिल किया जाएगा।


🗣️ डॉ. मुकेश कुमार सिंह (उप निदेशक, समग्र शिक्षा) ने कहा:

“हमारा प्रयास है कि छात्राएँ न केवल सुरक्षित रहें बल्कि आत्मविश्वास से अपनी बात रख सकें। हर माह ऑनलाइन संवाद और नियमित निरीक्षण से विद्यालयों की पारदर्शिता बढ़ेगी।”


⚠️ घटना जिसने झकझोर दिया

राजधानी स्थित एक केजीबीवी में छात्राओं से वार्डन और स्टाफ द्वारा मारपीट की शिकायत जिलाधिकारी (DM) से की गई थी। जांच में मामला सही पाया गया, जिसके बाद पूरा स्टाफ तत्काल हटा दिया गया।
यह घटना शासन के लिए एक चेतावनी साबित हुई और अब इसी के बाद प्रदेशव्यापी सुधार प्रक्रिया शुरू हुई है।


🌸 सरकारी कलम की राय:

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, ग्रामीण और वंचित वर्ग की बेटियों के लिए शिक्षा का सुनहरा माध्यम हैं। इन विद्यालयों में सुरक्षा, सम्मान और सुनवाई की संस्कृति बनाना बेहद जरूरी है।
सरकार का यह कदम सराहनीय है, बशर्ते यह कागज़ी न रहकर जमीनी स्तर पर लागू किया जाए।

🙌 “हर बेटी को मिले सुरक्षित शिक्षा का अधिकार — यही सच्चा सशक्तिकरण है।”


📌 रिपोर्ट: सरकारी कलम — जहां हर ख़बर, शिक्षा और समाज की असली आवाज़ बनकर उठती है।


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