⚖️ 👉 EPS High Pension: केरल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला — 2014 के बाद रिटायर कर्मचारियों को मिलेगा ऊंची पेंशन का लाभ, EPFO को झटका

⚖️ केरल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 2014 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को मिलेगा ईपीएस की ऊंची पेंशन का लाभ
✍️ सरकारी कलम डेस्क | तिरुवनंतपुरम

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) से जुड़े लाखों कर्मचारियों के लिए केरल हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत की खबर आई है। अदालत ने साफ कहा है कि अगर किसी कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा अधिक वेतन के आधार पर किया गया अंशदान (Higher Contribution) ईपीएफओ (EPFO) द्वारा स्वीकार कर लिया गया है, तो 1 सितंबर 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उच्च पेंशन (Higher Pension) से वंचित नहीं किया जा सकता। 🙌


⚖️ कोर्ट का स्पष्ट निर्देश

केरल हाईकोर्ट ने एक कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि —

“यदि ईपीएफओ ने नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों का अधिक वेतन के आधार पर योगदान स्वीकार कर लिया है, तो केवल तकनीकी खामियों के आधार पर उच्च पेंशन से इनकार नहीं किया जा सकता।”

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत केवल कर्मचारियों तक सीमित होगी, न कि नियोक्ताओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त छूट दी जाएगी।


👥 किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?

यह फैसला खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो —

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now
  • 1 सितंबर 2014 के बाद रिटायर हुए हैं,
  • अपने वास्तविक वेतन पर (₹15,000 की सीमा से अधिक) अंशदान कर रहे थे,
  • और जिनके नियोक्ताओं ने भी अतिरिक्त अंशदान किया था।

अब ईपीएफओ उन्हें केवल इस आधार पर उच्च पेंशन से वंचित नहीं कर सकेगा कि अंशदान हर महीने के बजाय एकमुश्त जमा किया गया था।


📜 क्या है पूरा मामला?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने समय-समय पर वेतन सीमा तय की है —

  • पहले ₹5,000
  • फिर ₹6,500
  • और अब ₹15,000 प्रति माह

लेकिन कई कर्मचारियों ने इस सीमा को पार करते हुए अपने पूरे वेतन पर पेंशन अंशदान किया ताकि रिटायरमेंट पर उन्हें अधिक पेंशन मिल सके।
ईपीएफओ ने इनका योगदान स्वीकार तो कर लिया, लेकिन बाद में “नियमों की प्रक्रिया पूरी नहीं होने” का हवाला देकर उच्च पेंशन देने से इनकार कर दिया।

अब कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा है कि —

“एक बार संगठन ने योगदान स्वीकार कर लिया, तो उसके बाद प्रक्रियागत आधार पर लाभ रोकना अनुचित है।”


💡 क्या बदलेगा इस फैसले से?

इस फैसले से पूरे देश में हजारों ऐसे रिटायर कर्मचारियों को राहत मिल सकती है जो वर्षों से अपनी उच्च पेंशन के हक के लिए लड़ रहे हैं।
अब उम्मीद है कि ईपीएफओ को अपनी नीति में संशोधन करना होगा और योग्य कर्मचारियों को पिछली अवधि का पेंशन लाभ देना पड़ेगा।


🧠 विशेषज्ञों की राय

वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला आने वाले समय में देशव्यापी प्रभाव डाल सकता है क्योंकि अन्य हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में भी इसी तरह के मामलों की सुनवाई लंबित है।
यह आदेश ईपीएफओ पर पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने का दबाव भी बढ़ाएगा।


📌 सरकारी कलम की राय

केरल हाईकोर्ट का यह फैसला कर्मचारियों के लिए “न्याय की जीत” है।
यह बताता है कि अगर किसी ने नियमों के अनुसार अपनी जिम्मेदारी निभाई है और अधिक योगदान किया है, तो सरकार या संस्थान उसे उसके वैधानिक अधिकार से वंचित नहीं कर सकते।


📰


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top