🧑‍🏫 बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों के लिए अब 6 माह का ब्रिज कोर्स अनिवार्य — 1 नवंबर से होंगे आवेदन

🧑‍🏫 बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों के लिए अब 6 माह का ब्रिज कोर्स अनिवार्य — 1 नवंबर से होंगे आवेदन

लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों के लिए अब बेसिक शिक्षा विभाग ने 6 महीने का ब्रिज कोर्स अनिवार्य कर दिया है। यह कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से ऑनलाइन कराया जाएगा। शासन ने इसकी विस्तृत समय-सारिणी जारी कर दी है।


📅 1 से 15 नवंबर तक होंगे आवेदन

बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन में यह कोर्स अनिवार्य किया गया है।
बीएड अर्हता के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षक 1 नवंबर से 15 नवंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

पहले चरण के शिक्षकों को दिसंबर 2025 से 30 मई 2026 तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।


⚖️ सुप्रीम कोर्ट का निर्देश बना आधार

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि प्राथमिक शिक्षक पद के लिए बीएड योग्यता मान्य नहीं मानी जाएगी। अदालत के अनुसार, प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ाने के लिए विशिष्ट शिक्षक प्रशिक्षण (जैसे D.El.Ed या BTC) आवश्यक है।

इसी के अनुरूप, उत्तर प्रदेश सरकार अब यह “प्राइमरी टीचर एजुकेशन ब्रिज कोर्स” लागू कर रही है, जिससे बीएड शिक्षक भी आवश्यक योग्यता प्राप्त कर सकें।


👩‍🏫 30 हजार शिक्षकों को होगा लाभ

प्रदेश की 69,000 शिक्षक भर्ती में शामिल लगभग 30,000 बीएड डिग्रीधारक शिक्षक अब इस ब्रिज कोर्स के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। कोर्स पूरा करने के बाद ये शिक्षक विशिष्ट बीटीसी (D.El.Ed) के समकक्ष माने जाएंगे।


💻 ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण

यह पूरा प्रशिक्षण NIOS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन होगा। शिक्षकों को इसमें असाइनमेंट, ऑनलाइन कक्षाएं और मूल्यांकन जैसी गतिविधियों में भाग लेना होगा। कोर्स पूर्ण होने पर उन्हें प्रमाणपत्र (Certificate) प्रदान किया जाएगा।


🏫 सरकारी कलम की राय ✍️

👉 सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में यह कदम न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने वाला है, बल्कि इससे प्राथमिक स्तर पर बच्चों को प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बेहतर शिक्षण भी मिलेगा।
👉 शिक्षकों को चाहिए कि वे समय पर आवेदन करें, ताकि उनके सेवा अभिलेख में कोई बाधा न आए।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top