📰 नशामुक्त दिल्ली की ओर बड़ा कदम: स्कूलों में बनेगा “प्रहरी क्लब”
👉 दिल्ली सरकार ने 2027 तक राजधानी को नशामुक्त दिल्ली बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में शिक्षा निदेशालय ने एक ऐतिहासिक पहल की है। अब दिल्ली के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में “प्रहरी क्लब” गठित किए जाएंगे।
🚸 क्या है प्रहरी क्लब का उद्देश्य?
शिक्षा निदेशालय के अनुसार, इस क्लब का मकसद केवल नशा मुक्ति का संदेश फैलाना ही नहीं बल्कि छात्रों को नशे के खिलाफ सक्रिय प्रहरी बनाना है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
- 🧠 नशे के दुष्प्रभावों के प्रति छात्रों और समाज में जागरूकता बढ़ाना।
- 🚫 स्कूल परिसर और आसपास नशे की बिक्री व खपत पर निगरानी रखना और रोकना।
- 👩🏫 जोखिमग्रस्त बच्चों की पहचान कर उन्हें शैक्षिक-व्यावसायिक मार्गदर्शन ब्यूरो (EVGC) और काउंसलिंग सेवाओं से जोड़ना।
- 🎓 छात्रों के लिए ड्रग-मुक्त शैक्षिक वातावरण तैयार करना।
🏫 स्कूलों में कैसे होगा संचालन?
निदेशालय ने सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे उम्र के अनुसार गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
इन गतिविधियों का आयोजन निम्नलिखित समय पर किया जा सकता है:
- 🕘 जीरो पीरियड (कक्षाओं के शुरू होने से पहले)
- 🙌 स्कूल सभा और गतिविधि अवधि
- 📅 बैगलेस दिवस व अन्य विशेष कार्यक्रम
- 👨👩👧👦 अभिभावक-शिक्षक बैठकों में भी जागरूकता अभियान
इससे मुख्य शिक्षण प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी और नशामुक्ति का संदेश बच्चों से अभिभावकों और समाज तक पहुंचेगा।
🌐 राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ी पहल
यह योजना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), NCORD समिति और शिक्षा निदेशालय के संयुक्त मार्गदर्शन में तैयार की गई है।
🚩 दिल्ली सरकार का संकल्प
सरकार का मानना है कि किशोरावस्था में नशे की प्रवृत्ति मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शैक्षिक परिणामों को भी प्रभावित करती है। इसलिए अब छात्रों को ही जागरूकता के ब्रांड एंबेसडर बनाकर समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है।
✍️ निष्कर्ष
प्रहरी क्लब न केवल स्कूलों में बल्कि पूरे समाज में नशा मुक्ति की एक नई लहर लाने का काम करेगा। अगर बच्चे खुद नशे के खिलाफ संदेशवाहक बनेंगे, तो आने वाले समय में दिल्ली को ड्रग-फ्री कैपिटल बनाने का सपना जरूर साकार होगा।
🔖 लेख: सरकारी कलम ✍️
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