चार महीने से वेतन न मिलने से परेशान शिक्षक, विभाग ने दिवाली से पहले जारी किया बड़ा निर्देश
लखनऊ। राजकीय साध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों के चेहरे अब दिवाली से पहले खिल सकते हैं। लंबे समय से वेतन न मिलने की समस्या झेल रहे इन शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है।
अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जिन शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है और विद्यालयों में कार्यरत हैं, उनका तत्काल वेतन स्वीकृत कर प्रयागराज स्थित निदेशालय को सूचित किया जाए।
📌 चार महीने से अटके वेतन
नियुक्ति मिलने के बावजूद इन शिक्षकों को अभिलेख सत्यापन न होने के कारण पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिल रहा था। वेतन न मिलने से शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे थे और त्योहारों की खुशियाँ भी फीकी पड़ गई थीं।
शिक्षकों ने हाल ही में निदेशालय को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। उनका कहना था कि:
“त्योहार आ रहे हैं लेकिन हमारी खुशी अधूरी है। नियुक्ति मिलने के बावजूद वेतन न मिलने से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। विभाग की लापरवाही से हमारा त्योहार भी खराब हो रहा है।”
🙌 उम्मीद की किरण
अब विभाग के आदेश के बाद यह उम्मीद जगी है कि दिवाली से पहले शिक्षकों को वेतन मिल जाएगा और उनकी आर्थिक परेशानियाँ काफी हद तक कम होंगी।
✍️ सरकारी कलम की राय
चार महीने तक मेहनत करने के बाद भी वेतन न मिलना शिक्षकों के साथ अन्याय है। विभाग की देरी ने उनकी खुशियाँ और त्योहार दोनों पर पानी फेर दिया। हालांकि, देर से ही सही, अब सरकार ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है।
👉 सरकारी कलम का मानना है कि शिक्षकों का वेतन समय पर मिलना उनकी प्राथमिक ज़रूरत और अधिकार है। सरकार को ऐसे मामलों में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भविष्य में शिक्षकों को इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े।
📢 सरकारी कलम हमेशा शिक्षकों की आवाज़ बनेगा, क्योंकि शिक्षक खुश तो शिक्षा मजबूत। ✨