✊ शिक्षकों की जिद: “ऑफलाइन स्थानांतरण सूची आए बिना नहीं हटेंगे”
अलीगढ़ से लेकर लखनऊ तक शिक्षकों का संघर्ष तेज़ हो गया है। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी के आवास पर 25 सितंबर से जारी धरना मंगलवार को प्रशासन के सख्त रुख के बाद कंपनी बाग में शिफ्ट कर दिया गया।
🚔 प्रशासन का दबाव बनाम शिक्षकों की जिद
- डीएम डॉ. राजेंद्र पैसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई पुलिस फोर्स के साथ धरना स्थल पर पहुँचे।
- शिक्षकों से कहा गया कि बिना अनुमति धरना देना अवैधानिक है और इससे आसपास के 7–8 सौ लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
- प्रशासन ने धरने को गली से हटाकर कंपनी बाग में शिफ्ट करा दिया।
लेकिन शिक्षकों का साफ कहना है कि –
👉 “जब तक ऑफलाइन स्थानांतरण सूची जारी नहीं होती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। चाहे गिरफ्तारी ही क्यों न देनी पड़े।”
💔 नेतृत्वकर्ता की तबीयत बिगड़ी, निलंबन और वेतन कटौती
धरना दे रहे शिक्षकों का नेतृत्व कर रहे शुभेंद्र शरण त्रिपाठी की तबीयत बिगड़ गई।
- डॉक्टरों के अनुसार, उनका ऑक्सीजन और शुगर लेवल गिर गया।
- सोमवार को ही उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
- साथी शिक्षक संदीप सुरतिया का एक दिन का वेतन भी काटा गया, जबकि उनका दावा है कि उन्होंने बाकायदा सीएल लगाई थी।
क्या यही है मेहनतकश शिक्षकों की आवाज़ उठाने का पुरस्कार?
✍️ “हम हार नहीं मानेंगे”
करीब 350 शिक्षक इस धरने में जुटे और अन्य संगठनों से भी समर्थन का आह्वान किया।
- चेतावनी दी गई है कि यदि 2 अक्टूबर तक स्थानांतरण सूची जारी नहीं हुई, तो शिक्षक भूख हड़ताल पर उतरेंगे।
- आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया कि अब वे आधे-अधूरे आश्वासनों से नहीं मानेंगे।
🙏 मंत्री जी का बयान
मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि –
“शिक्षकों की संख्या अधिक है, इसलिए थोड़ा समय चाहिए। उनकी समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा। शिक्षकों से अपील है कि धैर्य रखें, उनके साथ कुछ भी गलत नहीं होगा।”
✒️ सरकारी कलम की राय
यह कैसा धैर्य माँगा जा रहा है?
- जिन शिक्षकों ने सालों बच्चों को पढ़ाकर प्रदेश का भविष्य सँवारा, आज वे धरने पर, निलंबन पर और भूख हड़ताल की चेतावनी पर मजबूर हैं।
- सरकार और विभाग की टालमटोल नीतियाँ ही इस असंतोष का कारण हैं।
👉 शिक्षक सिर्फ यही कह रहे हैं –
“ऑफलाइन स्थानांतरण सूची जारी करो, वरना संघर्ष और तेज़ होगा।”