पेंशन राशिकरण अवधि पर फैसला आठवें केंद्रीय वित्त आयोग को भेजा जाएगा 🏛️


पेंशन राशिकरण अवधि पर फैसला आठवें केंद्रीय वित्त आयोग को भेजा जाएगा 🏛️

लखनऊ। पेंशनर्स की लंबे समय से चली आ रही मांग — पेंशन राशिकरण (commutation) की कटौती अवधि कम किए जाने — पर अब गेंद आठवें केंद्रीय वित्त आयोग के पाले में डाल दी गई है।

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पृष्ठभूमि 📌

वर्तमान व्यवस्था के अनुसार पेंशनर्स को तय अवधि तक कटौती सहनी पड़ती है। दो हजार से अधिक पेंशनर्स ने इस व्यवस्था के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं, जिसमें उन्होंने पेंशन राशिकरण की कटौती अवधि को 15 साल से कम करने की मांग रखी थी।

वित्त विभाग की समिति की संस्तुति 🖋️

  • शासन द्वारा गठित वित्त विभाग की समिति ने इस मुद्दे पर विचार किया।
  • समिति का स्पष्ट मत रहा कि इस विषय को राज्य सरकार के स्तर पर तय करने के बजाय आठवें केंद्रीय वित्त आयोग को भेजा जाए।
  • आयोग की संस्तुतियों पर जो निर्णय केंद्र सरकार लेगी, वही निर्णय प्रदेश में भी लागू होगा।

आदेश की स्थिति ✨

वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि:

  • जब तक आयोग का निर्णय नहीं आता, वर्तमान व्यवस्था यथावत बनी रहेगी।
  • कटौती अवधि कम करने से संबंधित सभी प्रकरणों का निस्तारण इसी मौजूदा व्यवस्था के आधार पर किया जाएगा।

पेंशनर्स की उम्मीद 🙌

अब पेंशनर्स की निगाहें आठवें केंद्रीय वित्त आयोग पर टिक गई हैं। यदि आयोग अवधि कम करने की संस्तुति करता है तो इससे हजारों पेंशनर्स को राहत मिलेगी।


✍️ सरकारी कलम की राय :
पेंशनर्स देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं। उनकी आर्थिक सुरक्षा और सम्मानजनक बुढ़ापा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आठवां केंद्रीय वित्त आयोग पेंशन राशिकरण अवधि पर कैसा निर्णय देता है — क्योंकि यही फैसला लाखों पेंशनर्स की उम्मीदों का केंद्र है।


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