धारा 109 BNS (Attempt to Murder) लगाने के लिए दो चीज़ें साबित करना ज़रूरी है:
- इरादा (Intention) – क्या आरोपी सच में सामने वाले को मार डालना चाहता था?
- कृत्य की प्रकृति (Act Nature) – क्या किया गया वार इतना ख़तरनाक था कि सामान्यतः उससे मौत हो सकती थी?

⚖️ अब आपकी स्थिति: सिर्फ बेल्ट से मारना
- बेल्ट एक घातक हथियार (deadly weapon) नहीं मानी जाती (जैसे बंदूक, चाकू, तलवार)।
- यदि वार सिर, गला, छाती जैसे नाज़ुक हिस्सों पर बार-बार और ज़ोर से किया गया हो, तो अभियोजन इसे Attempt to Murder बताने की कोशिश कर सकता है।
- लेकिन अगर हल्की चोट, हाथ-पैर या पीठ पर मारना हुआ है, तो यह सामान्यतः:
- धारा 115 BNS (गंभीर चोट पहुँचाना)
- या धारा 117 BNS (साधारण चोट पहुँचाना)
में आ सकता है, न कि 109 BNS।
🛡️ बचाव पक्ष के लिए मजबूत तर्क
- इरादा हत्या का नहीं था – केवल गुस्से/आक्रोश में मारपीट हुई।
- हथियार जानलेवा नहीं – बेल्ट से सामान्यतः मौत नहीं होती।
- चोट मेडिकल रिपोर्ट में साधारण – अगर डॉक्टर की रिपोर्ट में “simple injury” लिखा है तो Attempt to Murder टिकना मुश्किल है।
- पूर्व विवाद / झगड़े के चलते फंसाया गया – पुलिस ने गंभीर धारा लगा दी।
👉 निष्कर्ष:
सिर्फ बेल्ट से मारना, वह भी अगर साधारण चोट आई है, तो यह सीधा Attempt to Murder (धारा 109 BNS) नहीं बनता।
यह ज्यादा से ज्यादा मारपीट (hurt) या गंभीर चोट (grievous hurt) की धारा बनेगी।
