✊ TET अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का आंदोलन – NCTE नियमावली में संशोधन की मांग
👉 टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्य किए जाने के बाद देशभर के शिक्षकों में नाराज़गी बढ़ गई है। अब शिक्षकों ने इसे लेकर NCTE नियमावली 2017 में संशोधन की मांग उठाई है। इसी कड़ी में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन का ऐलान किया है।
🔹 नवरात्र से आंदोलन की शुरुआत
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि आंदोलन की शुरुआत नवरात्र के पहले दिन सोमवार (22 सितंबर) से होगी।
- शिक्षक 15 अक्तूबर तक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करेंगे।
- इस दौरान सभी जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
- एकत्र हस्ताक्षर की प्रतियां सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ईमेल की जाएंगी।
🔹 शिक्षकों की मुख्य मांगें
📌 शिक्षकों को टीईटी की बाध्यता से मुक्त किया जाए।
📌 केंद्र सरकार की 2017 NCTE नियमावली में संशोधन किया जाए।
📌 सेवा कर रहे शिक्षकों के लिए नई बाध्यता लागू न हो।
🔹 आगे बढ़ेगा आंदोलन
शिक्षक संघ ने साफ किया है कि यदि 15 अक्तूबर तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।
✍️ सरकारी कलम की राय
📌 यह आंदोलन शिक्षकों की निराशा और असंतोष को स्पष्ट दिखाता है।
📌 शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नियम जरूरी हैं, लेकिन पहले से कार्यरत शिक्षकों पर नई शर्तें थोपना अन्यायपूर्ण है।
📌 सरकार को चाहिए कि वह संवाद के जरिए समस्या का समाधान निकाले और शिक्षकों की जायज मांगों पर विचार करे।
👉 शिक्षक समाज का मानना है कि नियम व्यवस्था सुधारने के लिए हों, न कि सेवा में कार्यरत शिक्षकों के लिए बोझ बनने के लिए। ✨