📰 29334 विज्ञान-गणित शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अटकी काउंसलिंग, अभ्यर्थी परेशान
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान और गणित विषयक 29,334 पदों की भर्ती लगभग एक दशक से अधर में लटकी हुई है। अभ्यर्थियों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी और निर्णय उनके पक्ष में आया, लेकिन विभागीय लेटलतीफी के कारण अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
भर्ती का इतिहास 📑
- यह भर्ती साल 2013 में शुरू हुई थी।
- अब तक सात राउंड की काउंसलिंग कराई जा चुकी है।
- आठवें राउंड के अभ्यर्थियों को जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिए गए।
- नवंबर 2016 में भी कुछ अभ्यर्थियों को तैनाती का अवसर दिया गया।
- लेकिन कई चयनित अभ्यर्थी अब तक नियुक्ति से वंचित हैं।
देरी की वजह ❌
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने हाल ही में सभी बीएसए से रिक्त पदों का आरक्षणवार ब्योरा मांगा था।
लेकिन गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, जौनपुर, झांसी, ललितपुर और बलिया से अब तक विवरण प्राप्त नहीं हुआ है। इन्हीं सात जिलों की लापरवाही के कारण चयन प्रक्रिया अधर में है और विज्ञापन जारी नहीं हो पा रहा है।
अभ्यर्थियों की पीड़ा 😔
लंबे समय से इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि —
- विभाग जानबूझकर देरी कर रहा है।
- कोर्ट के आदेश के बाद भी नियुक्ति न मिलना न्याय के साथ मजाक है।
- कई अभ्यर्थी उम्र सीमा पार करने की कगार पर हैं, जिससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है।
विभाग का रुख ⚖️
परिषद सचिव ने संबंधित जिलों को तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। विभाग का कहना है कि जैसे ही ब्योरा उपलब्ध होगा, काउंसलिंग कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा।
✍️ सरकारी कलम की राय
साल 2013 की भर्ती को पूरा हुए लगभग 12 साल होने को हैं, लेकिन अभ्यर्थी अब तक अपने हक की नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। जब सर्वोच्च न्यायालय भी उनके पक्ष में निर्णय दे चुका है, तो विभाग का यह टालमटोल रवैया सवालों के घेरे में है।
सरकार और शिक्षा विभाग को चाहिए कि तुरंत बचे हुए जिलों से रिपोर्ट लेकर काउंसलिंग पूरी कराए और चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देकर उनका न्याय सुनिश्चित करे।