गरीब बच्चों को दूसरे वार्डों के निजी स्कूलों में भी मुफ्त दाखिला मिलेगा 🎒✨

गरीब बच्चों को दूसरे वार्डों के निजी स्कूलों में भी मुफ्त दाखिला मिलेगा 🎒✨

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत अब गरीब बच्चों को अपने वार्ड के बाहर दूसरे वार्डों के निजी नामी स्कूलों में भी प्रवेश दिलाया जाएगा — यह व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2026-27 से लागू होगी।

फैसले का सार — क्या बदलेगा? 🏫

अब तक आरटीई के तहत बच्चों को केवल उसी वार्ड के निजी स्कूलों में दाखिला मिलता था जहाँ वे रहते थे। इस फैसले से वह बाधा हटा दी गई है — यानी जिन बच्चों को अपने वार्ड में जगह नहीं मिलती, उन्हें बगल के या दूसरे वार्ड के स्कूलों में आवेदन करने और दाखिला पाने का मौका मिलेगा।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

किस वर्ग के बच्चों को मिलेगा लाभ? 👪

आरटीई के मानक अनुसार वार्षिक आय 1,00,000 रुपये तक वाले परिवारों के बच्चे इस दायरे में आते हैं। इस योजना के तहत प्री-प्राइमरी और कक्षा एक (6 व 7 वर्ष की आयु) के बच्चों को प्राथमिकता से दाखिला दिलाया जाएगा।

प्रवेश प्रक्रिया — स्पेशल काउन्सलिंग और राउंड 📋

प्री-प्राइमरी व कक्षा एक में प्रवेश दिलाने के लिए विशेष राउंड की काउंसलिंग कराई जाएगी। जिन अभिभावकों के बच्चे को अपने वार्ड में स्थान नहीं मिलता, वे दूसरे वार्डों में आवेदन कर सकेंगे और वहीं से प्रवेश हेतु विशेष राउंड में अवसर मिलेगा। यह व्यवस्था पारदर्शी और सुव्यवस्थित तरीके से संचालित की जाएगी।

आँकड़े — सीटें और अब तक की स्थिति 📊

प्रदेश भर में आरटीई के तहत निजी स्कूलों की कुल सीटें 5.65 लाख हैं। इस साल अभी तक केवल 1.38 लाख सीटों पर ही प्रवेश हुआ है। वहीं, कुल 1.85 लाख सीटें आवंटित की गई थीं, पर कई सीटें खाली रह जाने की वजह से कई बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाया।

प्रशासनिक तैयारी — फॉर्म और पारदर्शिता 🖥️

उप शिक्षा निदेशक (समग्र शिक्षा) डा. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए तैयारियाँ चल रही हैं। नवंबर से फॉर्म आधिकारिक वेबसाइट www.rte25.upsdc.gov.in पर लिए जाने की तैयारी है — जिससे आवेदन और काउंसलिंग का संचालन डिजिटल और व्यवस्थित रहेगा।

फैसले का प्रभाव — उम्मीद और चुनौतियाँ 🌱

उम्मीद: यह कदम लाखों बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा के रास्ते खोलेगा — विशेषकर उन परिवारों के लिए जो नामी निजी स्कूलों तक पहुँच नहीं पाते।

चुनौतियाँ: अन्य चुनौतियाँ भी हैं — जैसे सीटों का वास्तविक उपयोग सुनिश्चित करना, काउंसलिंग में पारदर्शिता बनाए रखना, और स्कूलों में आरटीई सीटों का सही आवंटन। समुचित निगरानी और समय पर सूचना के बिना योजना का लाभ पूरी तरह नहीं पहुँच पाएगा।

क्या माता-पिता को करना होगा? ✅

  1. नवंबर से जारी होने वाले ऑनलाइन फॉर्म पर समय पर आवेदन करें।
  2. यदि आपके वार्ड में प्रवेश नहीं मिलता है, तो निकटवर्ती/बगल के वार्ड के स्कूलों के लिए विशेष राउंड में आवेदन करें।
  3. रजिस्ट्रेशन और काउंसलिंग के समय मौजूद जरूरी दस्तावेज (आय प्रमाण, निवास प्रमाण आदि) तैयार रखें।
निष्कर्ष: यह निर्णय शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है — जो गरीबी, भौगोलिक बाधाओं और अवसरों के असंतुलन को कम करने में मदद कर सकता है। यदि प्रशासन ने पारदर्शिता व कुशलता से यह लागू किया तो लाखों बच्चों की शिक्षा की राह आसान होगी। 🎯

📬 यदि आप इस नीति के बारे में और जानकारी चाहते हैं या किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो अपने नजदीकी शिक्षा अधिकारी/विद्यालय से संपर्क करें और ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट देखें।

© प्रमुख संवाददाता — लखनऊ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top